Updated: Sat, 28 Jun 2025 05:20 PM (IST)
नजीबाबाद में इस बार आम की भरपूर फसल होने पर भी किसानों को मुनाफा नहीं हो रहा है। फफूंदी और चेप्पा रोग के कारण लागत बढ़ गई है। दशहरी आम के दाम मंडी में कम मिल रहे हैं जिससे किसान चिंतित हैं। महंगी दवाइयों और यातायात खर्च ने किसानों की कमर तोड़ दी है। रुक-रुक कर हो रही बारिश से भी आम के टपकने से मुनाफा घट रहा है।
संवाद सहयोगी, नजीबाबाद। इस बार भरपूर आम की फसल आने के बावजूद भी किसानों का मुनाफा घट गया है। फसल को फफूंदी, चेप्पा रोग से नुकसान हुआ। इस कारण किसान की लागत बढ़ गई। अब आम की प्रमुख किस्म दशहरी के मंडी से दाम नही मिल रहे है। आम की खेती करने वाले किसान रोजी-रोटी को चिंतित हो गए हैं।
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नजीबाबाद क्षेत्र के जहानाबाद, गढ़मालपुर नई बस्ती, सुनारों वाली (कोतवाली रोड) पर बड़ा बाग, सहित कोटद्वार रोड, सराय आलम, नंगल व मंडावर क्षेत्र में बड़ी संख्या में आम के बाग हैं। गांव गड़बानपुर की ही बात करे तो 50 से अधिक आम के बाग स्थित है, वही मंडावर व नंगल क्षेत्र में सैकड़ों बाग स्थित है।
क्षेत्र में हजारों परिवार आम की फसल से ही साल भर की रोटी कमाते हैं। किसान साजिद, नइम, नसीम, बाबू खान, मुन्नेहाजी, फुरकान, लियाकत, अमीर आदि ने बताया इस बार आम के पेड़ों पर भरपूर मात्रा में फल आया। जिस पर फफूंदी, चेप्पा, भूनका आदि रोग का प्रभाव पड़ गया।
फसल को बचाने के लिए महंगी दवाईयों का इस्तेमाल करना पड़ा। फसल तो बच गई लेकिन अब क्षेत्र की प्रमुख फसल दशहरी के मंडी से 25-30 रुपये किलो के रेट ही प्राप्त हो पा रहे है, जबकि चौसा आम के 50 रुपये और बनारसी आम के 36 से 38 रुपए ही प्राप्त हो रहे है।
फसलों को बेचने के लिए यातायात पर महंगा किराया खर्च हो रहा है। किसान साहिबाबाद, देहरादून, दिल्ली, अमृतसर आदि की मंडियों में फसल को बेच रहे है। नजीबाबाद मंडी में दम और भी काम है। किसानों ने बताया महंगी दवाई, मजदूर व यातायात ने उनकी कमर तोड़ दी है।
अधिक डाल टपकने से भी घटा मुनाफा आम की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि 15 दिन पूर्व तेज गर्मी हो रही थी। अब रुक-रुक कर बरसात के कारण आम तेजी से पक गया है और बड़ी संख्या में आम के पेड़ों से डाल टपक रहा है। किसान डाल के आप को फुटकर में 20 रुपये और पल्ले दरों को 10 से 12 रुपये देने को मजबूर है।
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