सेहत में सुधार के लिए चिन्हित होंगे कुपोषित
जनपद में कुपोषित बच्चों के मिलने का सिलसिला जारी है। हालांकि सरकारी स्तर पर बच्चों को कुपोषण से बचाव के लिए पौष्टिक आहार की व्यवस्था की गई है। इस साल ...और पढ़ें

बिजनौर, जागरण टीम। जनपद में कुपोषित बच्चों के मिलने का सिलसिला जारी है। हालांकि सरकारी स्तर पर बच्चों को कुपोषण से बचाव के लिए पौष्टिक आहार की व्यवस्था की गई है। इस साल सरकारी स्तर पर 21 से 27 मार्च तक अभियान चलाकर कुपोषित एवं स्वस्थ बच्चों को चिन्हित किया जाएगा। वहीं इन कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को उन्हें पोषाहार युक्त भोजन देने के बारे में भी जागरूक किया जाएगा।
राज्य पोषण मिशन के तहत जनपद में चलाए गए अभियान के तहत जून 2019 में 34072 कुपोषित, 5611 अति कुपोषित, जून 2020 में 27343 कुपोषित एवं 4851 अतिकुपोषित और अक्टूबर 2021 में 1257 कुपोषित और 3380 अतिकुपोषित बच्चे चिन्हित किए गए। सरकारी स्तर पर इन बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण कराए जाने के साथ-साथ उन्हें पौष्टिक आहार दिए जाने की व्यवस्था की गई। साल 2022 में राज्य पोषण मिशन के तहत स्वस्थ बालक बालिकाओं को चिन्हित करने के लिए 21 से 27 मार्च तक अभियान चलाया जाएगा। उधर, विकास भवन में हुए प्रशिक्षण के मौके पर सीडीओ केपी सिंह एवं डीपीओ नागेंद्र मिश्रा ने कहा कि अभियान का उद्देश्य अतिकुपोषित बच्चों का डाटा बेस तैयार करने के साथ-साथ उन्हें बच्चों को पोषण की श्रेणी में लाने का है। वहीं जिन निकायों में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित नहीं है, उन निकायों में सभी बच्चों की लंबाई एवं वजन के आधार पर पोषण की श्रेणी चिन्हित की जाएगी। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों/एनजीओ/स्वैच्छिक संस्थाएं केंद्र सरकार द्वारा विकसित मोबाइल ऐप 'पोषण ट्रेकर ऐप' पर पंजीकरण करना होगा। प्रशिक्षण में उपायुक्त एनआरएलएम, सीएमओ, जिला युवा कल्याण अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी/प्रभारी, अध्यक्ष आईएमए, रोटरी क्लब, लायन्स क्लब, भारतीय रेडक्रास सोसायटी तथा एनयूएलएम के जिला प्रतिनिधि मौजूद थे।

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