गुलदार और दो शावक नजर आने से किसानों में दहशत
जेएनएन बिजनौर। ग्राम बेनीपुर क्षेत्र में गुलदार दो शावकों के साथ घूमते दिखाई देने से ग्रामीणों
जेएनएन, बिजनौर। ग्राम बेनीपुर क्षेत्र में गुलदार दो शावकों के साथ घूमते दिखाई देने से ग्रामीणों में दहशत है। ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों से गुलदार को पकड़वाने की मांग की है।
क्षेत्र के ग्राम बेनीपुर के निकट खेतों में पिछले तीन दिनों से एक गुलदार दो शावकों के साथ घूमती दिखाई दे रही है। रविवार शाम ग्रामीण अवनीश कुमार पशुओं के लिए चारा लेने के लिए गांव के निकट अपने खेत पर जा रहा था। उसे रास्ते में एक गुलदार और दो शावक दिखाई दिए। जिससे वह काफी डर गया और बिना चारा लिए ही उल्टे पांव घर वापस लौट आया। अवनीश ने गुलदार होने की जानकारी ग्रामीणों को दी। ग्रामीणों का कहना है कि मादा गुलदार अपने दो शावकों के साथ पिछले तीन दिनों से गांव के निकट खेतों में घूमती दिखाई दे रही है। जिससे ग्रामीणों में भय बना हुआ है।
इस समय खेतों में गन्ने की फसल की छिलाई व बुवाई का कार्य चल रहा है। ग्रामीणों को भय है कि कहीं गुलदार के हमले में कोई जनहानि न हो जाए। जिस कारण ग्रामीण अकेले खेतों पर जाते हुए भी डर रहे हैं। ग्रामीण दीपक चौहान, गजेंद्र सिंह, वीरेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह, महिपाल सिंह, संजय कुमार, बहाल सिंह, बबलू कुमार, मोहन सिंह व मुकेश कुमार आदि ग्रामीणों ने गुलदार को पकड़वाकर दूरस्थ जंगल में छुड़वाने की मांग की है। सामाजिक वानिकी प्रभाग नगीना के रेंजर वीरेंद्र सिंह बोहरा ने बताया कि इस तरह का कोई मामला अब तक संज्ञान में नहीं था। अब वनकर्मियों की टीम को गांव भेजकर गश्त कराई जाएगी।
होगी चेहरों पे मुस्कान होली आने वाली है..
जेएनएन, बिजनौर। बिजनौरी काव्य मंच की ओर से एक शाम बिजनौरी कवियों के नाम.. आनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
रविवार को आनलाइन काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा के दिल्ली प्रादेशिक माहेश्वरी संगठन के अध्यक्ष नीरज पलतानी एवं विशिष्ट अतिथि पूर्व राष्ट्रपति के स्वास्थ्य सलाहकार डा.एम वली शामिल रहे। प्रदीप डेजी के संचालन में आयोजित काव्य गोष्ठी में मेरठ के मनोज कुमार मनोज ने बिना दुल्हन कहारों से कभी डोली नहीं होती, जो पत्थर को न पिघला दे तो वो बोली नहीं होती, दिल्ली के कुमार शिवेंद्र ने प्यार का रंग चढ़ेगा आज होली में, हुलियारों का हुड़दंग मचेगा आज होली में, मुरादाबाद की डा.अर्चना गुप्ता ने खिले रंग देख मन होता बड़ा आह्लाद होली में, पुरानी यादें हो जाती हैं फिर आबाद होली में, नजीबाबाद के जितेंद्र जैन ने बसंती रंग भी होता है बसंती मन भी होता है, बसंती रंग में भीगा बसंती तन भी होता है.. रचना प्रस्तुत कर समां बांधा। दिल्ली के राकेश जाखेटिया ने क्या कहूं क्या ना कहूं बस ढूंढ लिया बहाना, नजीबाबाद के प्रदीप डेजी ने होगी रंग-बिरंगी शाम होली आने वाली है, होगी चेहरों पे मुस्कान होली आने वाली है.. रचना प्रस्तुत कर आयोजन को रंगीन बना दिया।