Kedarnath Helicopter Crash: ऑपरेशन के निशान और अंगूठी से की पहचान, नहीं कराया डीएनए टेस्ट
उत्तराखंड में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में बिजनौर की नानी-नातिन की मौत हो गई। केदारनाथ से लौटते समय गुप्तकाशी के पास यह दुर्घटना हुई। परिजनों ने शवों की पहचान ऑपरेशन के निशान और अंगूठी से की। डीएनए टेस्ट नहीं कराया गया। नगीना निवासी विनोद देवी अपनी नातिन तृष्टि के साथ दर्शन के लिए गई थीं। हादसे के बाद दोनों के शव बिजनौर लाए गए जहाँ कोहराम मच गया।
जागरण संवाददाता, बिजनौर। यात्रियों को बाबा केदारनाथ के दर्शन कराकर लौट रहा हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी से पहले रविवार की सुबह हादसे का शिकार हो गया। हादसे में बिजनौर निवासी नानी- नातिन की भी मौत हो गई।
हादसे की सूचना पर स्वजन गुप्तकाशी पहुंचे। यहां बुरी तरह से जले शवों की पहचान स्वजन ने ऑपरेशन के निशान व अंगूठी देखकर की। नानी विनोद देवी के पेट पर ऑपरेशन का निशान था, जबकि नातिन तृष्टि की अंगुली में अंगूठी थी। पहचान के बाद शव का डीएनए टेस्ट नहीं कराया।
नगीना निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता धर्मपाल सिंह चौहान शुक्रवार को अपनी 65 वर्षीय पत्नी विनोद देवी, 19 वर्षीय तृष्टि चौहान, पौत्र ईशान व नाती गौरव के साथ केदारनाथ के दर्शन करने के लिए रवाना हुए थे।
शनिवार को अधिवक्ता और पौत्र व नाती हेलीकॉप्टर से बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे। जबकि पत्नी विनोद देवी और नातिन तृष्टि दूसरे हेलीकॉप्टर से रवाना हुई। अधिवक्ता और उनके पौत्र दर्शन कर वापस लौट आए, लेकिन अचानक मौसम खराब होने के कारण विनोद देवी और तृष्टि वहीं पर रुक गई।
रविवार की सुबह नानी व नातिन अन्य यात्रियों के साथ हेलीकॉप्टर में सवार हुई। लेकिन बीच में ही हेलीकॉप्टर गुप्त काशी पहुंचने से पहले ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया और हेलीकॉप्टर में सवार सभी सात यात्रियों की मौत हो गई। हादसे की
सूचना जैसे ही स्वजन को मिली तो वह उत्तराखंड के लिए रवाना हो गए। तृष्टि चौहान बिजनौर निवासी अधिवक्ता अतुल विक्रम की पुत्री है। तृष्टि दिल्ली में फैशन डिजानिंग का कोर्स कर रही थी।
नानी व नातिन का पोस्टमार्टम सोमवार की सुबह चार बजे हुआ। इसके बाद स्वजन शव को लेकर बिजनौर के लिए रवाना हो गए। सुबह करीब 11 बजे महिला का शव नगीना और तृष्टि का शव बिजनौर सिविल लाइन द्वितीय में स्थित उनके आवास पर पहुंचा। यहां शव पहुंचते ही स्वजन में कोहराम मच गया।
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