अब जिला अस्पताल में होगा हेपेटाइटिस बी व सी का उपचार
बिजनौर, जेएनएन। जिला अस्पताल में अब हेपेटाइटिस बी और सी की जांच, स्क्रीनिंग और उपचार की सुविधा निश्शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही जांच की सुविधा सभी आठों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निश्शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। हेपेटाइटिस बी बेहद खतरनाक रोग है। इसका टीका शिशु के जन्म के 24 घंटे के भीतर लगना जरूरी है। टीकाकरण से ही हेपेटाइटिस बी से बचाव किया जा सकता है। जिला अस्पताल में कार्यरत फिजीशियन डा. राधेश्याम वर्मा बताते हैं कि अब हेपेटाइटिस बी और सी से बचाव के लिए भले ही अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है, लेकिन अब इनका इलाज दवा द्वारा भी संभव है। हेपेटाइटिस रोगी को 84 दिनों तक नियमित रूप से दवा का सेवन करना होता है। दवा के इलाज से रोगी पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है। इसकी दवा जिला अस्पताल में निश्शुल्क उपलब्ध है। हेपेटाइटिस ए बी सी डी ओर ई प्रकार की होती है। हेपेटाइटिस बी और सी फैलने के मुख्य कारण संक्रमित इंजेक्शन की सुई को साझा करने, व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुओं को साझा करने, असुरक्षित यौन संबंध बनाने, संक्रमित मां से शिशु एवं संक्रमित रक्त चढ़वाने से हेपेटाइटिस बी अथवा सी हो सकता है। हेपेटाइटिस के लक्षण उल्टी, बुखार, खाने की इच्छा न होना, गहरे रंग का मृत्र आना। यकृत (लीवर में दर्द दांयी ओर पसलियों के नीचे) दर्द होना, जोड़ो में दर्द होना, पीले रंग की आंखें एवं त्वचा होना।
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