सूखा सा ही गया सावन, भादो में गर्मी और उमस का रहेगा असर
बिजनौर, जेएनएन। रक्षाबंधन के साथ ही सावन का महीना भी संपन्न हो गया। हिंदू पंचांग के हिसाब से सावन के महीने में सबसे अधिक बारिश होती है। अब भाद्रपद का महीना शुरू हो गया, जिसे आम भाषा में भादो भी कहा जाता है। इस महीने में गर्मी और उमस का प्रकोप ज्यादा रहता है। इस बार सावन का महीना सूखा सा ही निकल गया है। सावन के महीने में भी जनता बारिश के लिए तरसती रही। बारिश कम होने का सबसे अधिक असर गन्ने की फसल पर पड़ा और फसल की वृद्धि उम्मीद से कम हुई। बादल छाए रहे लेकिन बारिश के नाम पर केवल बूंदाबांदी ही हुई। अब भादो का महीना शुरू हो गया है। भादो के महीने में उमस व गर्मी से बुरा हाल होता है। भादो से बारिश की विदाई शुरू हो जाती है। इसका असर इस बार भादो शुरू होने से पहले ही दिखने लगा है। सावन में बारिश भले ही न हुई हो लेकिन कई-कई दिन तक लगातार बारिश के आसार बने रहते थे लेकिन अब मौसम साफ रहने लगा है। नगीना स्थित मौसम वेधशाला के प्रेक्षक सतीश कुमार का कहना है कि अब बारिश के आसार कम हो रहे हैं। हालांकि अगस्त में भी अच्छी बारिश होती रहती है।
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