पैक दही और पनीर पर जीएसटी की मार से बढ़ेगी मंहगाई
पैक दही पनीर पर जीएसटी की मार

पैक दही और पनीर पर जीएसटी की मार से बढ़ेगी मंहगाई
बिजनौर, जेएनएन। अब पैक आटा, दही, पनीर ही नहीं कागज काटने वाला चाकू पेंसिल शार्पनर ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर भी जीएसटी लगेगी। इससे निश्चित रूप से महंगाई बढ़ेगी। साथ ही इसका सबसे अधिक प्रभाव मध्यवर्गीय लोगों पर पड़ेगा।
सरकार ने पहले से ही पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर पांच फीसद जीएसटी लगाना शुरू कर दिया है। दही और पनीर और आटा जैसे सामान्य पैक आइटम भी जीएसटी के दायरे में आ गए हैं। इन वस्तुओं पर पांच फीसद जीएसटी लगेगा। मोहल्ला खत्रियान में डेरी चला रहे सुनील गुप्ता बताते हैं कि उनके पास मदर डेरी, मधुसूदन, अमूल एवं आनंदा कम्पनियों का दही, पनीर एवं अन्य आयटम आते हैं। सभी कंपनियों ने रविवार से ही बिना जीएसटी नम्बर के माल देने से इंकार कर दिया है।
किराना व्यापारी विजय पाल बताते हैं कि विभिन्न प्रकार के आटे के पैक उपलब्ध हैं। कंपनियों ने जीएसटी लगाने की पहले से ही सूचना दे दी है। उन्होंने अभी पैक आटा नहीं मंगाया है, लेकिन भविष्य में आटा भी निश्चित रूप से महंगा ही होगा। इसका सीधा असर ग्राहक पर ही पड़ेगा। नजीबाबाद रोड पर स्टेशनरी की दुकान कर रहे सचिन खन्ना का कहना है कि कागज काटने वाला चाकू, पेंसिल शार्पनर, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर जीएसटी बढ़ाकर 18 फीसद करने से महंगाई का छात्रों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा।
-कंपनियों ने दही, मट्ठे के पैक का वजन किया कम
ग्राहक को बढ़े मूल्य की जानकारी न हो। इसके लिए कई कंपनियों ने अपने प्रोडेक्ट का वजन कम करना शुरू कर दिया है। दही के 180 ग्राम के पैक को अब 160 ग्राम कर दिया है। जबकि मट्ठे के पैक को 350 ग्राम से घटाकर 300 ग्राम कर दिया है। भले ही इनके रेट न बढ़ाएं गए हों, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से जीएसटी ग्राहक से ली जा रही है।
बिजनौर में पैकिट बंद सामग्री की खपत
दही - 90 कुंतल
पनीर - 250 किलोग्राम
मट्ठा- 5000 लीटर
आटा - 5000 कुंतल
नोट : दही, पनीर और मट्ठा की खपत प्रतिदिन की है, जबकि आटा की खपत मासिक है।
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