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    गंगा ने दिखाई कृपा... बिजनौर में तटबंध कटान से राहत, कई गांवों पर मंडरा रहा खतरा टला

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 11:13 AM (IST)

    बिजनौर में गंगा नदी के रौद्र रूप से रावली बैराज तटबंध पर कटान हो रहा था। प्रशासन ने तटबंध टूटने की आशंका से गांवों को खाली करने के लिए कह दिया था। फिर अचानक गंगा ने कृपा दिखाई और जलस्तर घट गया। मिट्टी की ढांग गिरने से रिसाव बंद हो गया जिससे तटबंध टूटने से बच गया। अभी भी तटबंध को बचाने का काम चल रहा है।

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    तटबंध पर काम करते गांव के लोग।

    जागरण संवाददाता, बिजनौर। गंगा के रौद्र रूप के आगे बैराज रावली तटबंध के कटान को रोकने के सारे इंतजाम विफल हो रहे थे। प्रशासन भी मानकर चलने लगा था कि तटबंध टूटकर ही रहेगा, लेकिन फिर मां गंगा ने कृपा दिखाते हुए खुद ही अपनी धारा को थोड़ा पीछे खींच लिया। फिर किसी चमत्कार की तरह मिट्टी की ढांग गिरी और सबसे अधिक कटान और रिसाव वाले स्थान को बंद कर दिया।

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    मां गंगा के इन दो कामों ने रात को तटबंध टूटने नहीं दिया। तटबंध के कटान को रोकने के लिए अभी भी युद्धस्तर पर काम चल रहा है। हालांकि तटबंध कई स्थानों से अंदर ही अंदर रिस रहा है लेकिन उम्मीद है कि अब इसे बचा लिया जाएगा।

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    गंगा ने रविवार को रावली बैराज तटबंध पर कटान शुरू कर दिया था। तब से एक मिनट बिना रूके तटबंध के कटान को रोकने के लिए काम किया जा रहा है। तटबंध के पास पत्थर, रेत के बोरे और पेड़ काटकर डाले जा रहे हैं। सोमवार को मां गंगा ने रौद्र रूप धारण करते हुए तटबंध इतना काट दिया था कि आधा किलोमीटर तक तटबंध कुछ स्थानों पर केवल एक से डेढ़ मीटर तक ही बचा था। कटान को रोकने के लिए सारे प्रयास विफल होते दिख रहे थे। खुद प्रशासन ने भी मान लिया था कि तटबंध का टूटना तय है।

    पूरी रात चला काम, अब उम्मीद है कटने से बच जाएगा तटबंध

    कई गांवों को खाली करने को कह दिया गया था। एक स्थान पर गंगा की धारा तटबंध को अंदर ही अंदर काटते हुए दूसरी ओर आकर बहने लगी थी। इसे बंद करने के सारे प्रयास विफल हो गए थे। आधी रात को यह रिसाव बहुत बढ़ गया। तब लगने लगा कि तटबंध अब टूटा कि अब टूटा।

    इस बीच खुद मां गंगा ने खुद ही कुपा दिखाई। गंगा का जलस्तर घट गया और धारा तटबंध से थोड़ा पीछे हो गई। गंगा की धारा का वेग भी कम हो गया। साथ ही तटबंध की ढ़ांग की मिट्टी वहीं गिर गई जहां से पानी अंदर ही अंदर रिसकर दूसरी ओर जा रहा था। बस ये दो काम तटबंध को बचा ले गए।

    जेसीबी से मिट्टी रखकर ठीक कर लिया जाएगा

    इसके बाद ग्रामीणों व श्रमिकों ने भी और मेहनत से तटबंध को ठीक करने, मिट्टी डालने का काम शुरू कर दिया। हालांकि सुबह तक गंगा का पानी तटबंध पर कई जगह से रिसने लगा है लेकिन उम्मीद है कि अब जेसीबी आदि से मिट्टी रखकर इसे ठीक कर लिया जाएगा। मिट्टी के बोरे और पत्थर डालने का काम भी लगातार चल रहा है।

    सुबह दोपहिया और चौपहिया वाहनों को संचालन शुरू

    रात तटबंध रिसने के बाद तेजी से पानी निकलने लगा था। इस पर मेरठ-पौड़ी हाईवे पूरी तरह बंद कर दिया था। तटबंध की ढांग गिरने से पानी निकलना बंद हो गया था। जिसके बाद मरम्मत कार्य तेजी से शुरू कर दिया था। स्थिति में सुधार होने के चलते मंगलवार सुबह दोपहिया और चौपहिया वाहनों के संचालन की अनुमति दे दी गई। सुबह दस बजे बाइकों और कारों का आवागमन शुरू हो गया। हालांकि, बसें और भारी वाहन अभी भी बंद है।

     

    गंगा के तटबंध पर कटान निरोधी कार्य एक मिनट के लिए भी बंद नहीं किया गया है। लगातार तटबंध पर मिट्टी, पत्थर, पेड़ आदि डाले जा रहे हैं। ग्रामीण भी सहयोग कर रहे हैं। ब्रजेश मौर्य, अधिशासी अभियंता- सिंचाई विभाग