खादर क्षेत्र के लिए नासूर बन गई बाढ़
बिजनौर, जागरण टीम। मानसून नजदीक आते ही क्षेत्र के गांव नांगलसोती, शहजादपुर, खानपुर, जीतपुर, गौसपुर, ढोलापुरी, हरचंदपुर और मंडावर क्षेत्र के गांव बालावाली, टीमला, शीमली, शिमला, कोल्हापुर आदि गांवों के ग्रामीणों के चेहरे पीले पड़ने लगते है। करीब नौ साल पहले केदारनाथ में आई जल त्रासदी के बाद से अब तक गंगा नदी कई गांवों में कटान कर हजारों बीघा भूमि लील चुकी है। किसान अवनीश कुमार, अरविंद कुमार, राजेंद्र सिंह, भूपेंद्र, रमेश कुमार, गंगाराम, मांगेराम आदि के परिवार भूमिहीन हो गए हैं। गंगा क्षेत्र के ग्राम गौसपुर, हरचंदपुर, नांगल, जीतपुर आदि के ग्रामीणों के खेतों में गंगा लगातार कटान कर रही है। कटान के दौरान होने वाले नुकसान की प्रशासन द्वारा रिपोर्ट तैयार होती है और बाद में फाइलों में दबकर रह जाती है। उल्लेखनीय है कि ग्राम गौसपुर में कटान के दौरान ढांग गिरने से मलबे में दबकर देवेंद्र सिंह की मौत हो गई थी, जबकि ग्रामीणों ने गौरव पुत्र रणधीर व कामेंद्र पुत्र जयपाल सिंह को कड़ी मशक्कत के बाद बचा लिया था। इसके बाद भी प्रशासन नहीं चेता। इनका कहना है कटान प्रभावित गांव विधानसभा क्षेत्र नजीबाबाद और लोकसभा क्षेत्र नगीना के अंतर्गत आते हैं। बाढ़ और कटान से होने वाले नुकसान की ओर किसी जनप्रतिनिधि ने भी ध्यान नहीं दिया। -मूला सिंह पाल -बाढ़ से कटान के कारण रोजी-रोटी का साधन छिन जाने के बाद कई लोग मजदूरी के लिए क्षेत्र से पलायन कर चुके हैं। नांगल गंगा घाट से बालावाली तक स्थायी तटबंध नहीं बना तो और बर्बादी होगी। -अवनीश शर्मा
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