UP Politics: दिलचस्प होगी मायावती और चंद्रशेखर के बीच लड़ाई, मीरापुर में अनुसूचित वोटों को लेकर कड़ा इम्तिहान!
UP Politics MP Chandra Shekhar Party Meerapur Assembly Constituency यूपी की दस विधानसभा सीटों पर हाेने वाले उपचुनाव के लिए बसपा और आजाद समाज पार्टी पूरी दमखम दिखा रही हैं। दोनों ने मीरापुर से अपने−अपने प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं। नगीना से पहलीबार सांसद बने चंद्रशेखर ने भी जाहिद हसन को यहां का प्रभारी बनाया है। तो मायावती ने प्रधान शाह नजर को प्रत्याशी बनाया है।
अजीत चौधरी, जागरण, बिजनौर। प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रहीं बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती और पहले ही लोकसभा चुनाव में बिना किसी बड़े सपोर्ट के जीत हासिल करने वाले नगीना के सांसद चंद्रशेखर के बीच अब कैडर वोटों की लड़ाई उपचुनाव में दिखाई देगी।
मायावती के पास कैडर वोट है, लेकिन भाजपा के बाद चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी (काशीराम) ने भी इसमें सेंधमारी की है। दोनों ही दलों ने मीरापुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव खेला है। भाजपा-रालोद और कांग्रेस-सपा प्रत्याशी की घोषणा का भी इंतजार नहीं किया।
अनुसूचित वोटों के मूवमेंट पर रहेगी नजर
मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर विधानसभा सीट बिजनौर लोकसभा क्षेत्र में आती है। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से रालोद-सपा गठबंधन से चंदन चौहान जीते थे। बिजनौर से चंदन चौहान के सांसद बनने के बाद अब मीरापुर विधानसभा सीट शक्ति प्रदर्शन का नया अखाड़ा बन गई है। मायावती ने पहली बार उपचुनाव में विशेष दिलचस्पी लेते हुए मीरापुर सीट से प्रधान शाह नजर को प्रत्याशी बनाया। तीन घंटे बाद ही सांसद चंद्रशेखर ने जाहिद हसन को विधानसभा प्रभारी बना दिया। सांसद चंद्रशेखर का यह कदम राजनीतिक गलियारों में नए दांव के रूप में देखा जा रहा।
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राजनीतिक पंडितों का कहना है कि चंद्रशेखर केवल मायावती के दांव का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने बसपा का मुस्लिम कार्ड देखते ही अपने अंदाज में इसका जवाब दिया। अब अनुसूचित समाज के वोटों पर हकदारी को लेकर मायावती और चंद्रशेखर के बीच मीरापुर सीट कड़ी परीक्षा देगी।
बसपा के वोटों पर चंद्रशेखर की नजर
- चंद्रशेखर को नगीना लोकसभा सीट पर पांच लाख 13 हजार से अधिक वोट मिले जबकि बसपा प्रत्याशी सुरेंद्रपाल सिंह को 13 हजार 212 वोट।
- 2019 के चुनाव में बिजनौर और नगीना दोनों सीट पर बसपा ने कब्जा किया था लेकिन अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित नगीना सीट पर इस बार चंद्रशेखर ने कब्जा किया।
- चंद्रशेखर केवल एक सीट पर लड़े और 1.52 लाख से ज्यादा वोटों से जीते जबकि चुनाव में बसपा का सूपड़ा साफ हुआ है।
- उनके भाषण और बयान वंचित वर्ग के अलावा मुस्लिमों में भी चर्चा में हैं। यह बात सांसद चंद्रशेखर भी जानते हैं। यही दोनों वर्ग बसपा के वोटर हैं।
आकाश आनंद के निशाने पर भी थे चंद्रशेखर
लोकसभा चुनाव में मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद ने भी बिजनौर में चंद्रशेखर पर निशाना साधा था। उन्होंने नाम लिए बिना चंद्रशेखर पर युवाओं को भड़काने का आरोप लगाया था। अब उनकी फिर से इसी पद पर ताजपोशी हुई है। माना जा रहा है कि आकाश को मीरापुर सीट पर प्रचार की बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
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