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    दूसरी बार विधायक बनकर अशोक राणा ने तोड़ा रिकार्ड

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 10 Mar 2022 11:40 PM (IST)

    धामपुर सीट से जनता ने एक बार फिर भाजपा प्रत्याशी पर विश्वास जताया है। भाजपा प्रत्याशी एवं निवर्तमान विधायक अशोक कुमार राणा को जनता ने लगातार दूसरी बार विधानसभा की राह दिखाई है।

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    दूसरी बार विधायक बनकर अशोक राणा ने तोड़ा रिकार्ड

    बिजनौर, टीम जागरण। धामपुर सीट से जनता ने एक बार फिर भाजपा प्रत्याशी पर विश्वास जताया है। भाजपा प्रत्याशी एवं निवर्तमान विधायक अशोक कुमार राणा को जनता ने लगातार दूसरी बार विधानसभा की राह दिखाई है। इस जीत के साथ अशोक कुमार राणा ने भाजपा और सपा के बीच पिछले 20 साल से चली आ रही राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का मिथक भी तोड़ दिया है। पिछले 20 सालों में भाजपा और सपा एक-एक बार इस सीट पर जीतते आ रहे थे, लेकिन इस बार लगातार दो बार अशोक राणा ने जीत कर एक नया रिकार्ड बना दिया है।

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    हालांकि शुरुआत में इस बार सपा गठबंधन को क्षेत्र में बढ़त मिलती दिख रही थी, लेकिन धामपुर सीट पर सपा ने अपने तीन बार के विधायक रहे ठाकुर मूलचंद चौहान का टिकट काट दिया था। जिससे मूलचंद समर्थकों में नाराजगी थी। सपा ने नूरपुर विधायक नईमुल हसन को धामपुर से टिकट दिया। माना जा रहा था कि सपा के समर्थन में चली हवा का धामपुर से मुस्लिम प्रत्याशी को लाभ मिलेगा। इस सीट पर करीब एक लाख 20 हजार मुस्लिम मतदाता हैं, लेकिन सपा के पुराने सिपाही रहे मूलचंद चौहान ने सपा को टक्कर देने के लिए बसपा के हाथी की सवारी कर ली। जिसके चलते बसपा के कोर वोटबैंक और मुस्लिमों में भी मूलचंद ने सेंधमारी की। जिसका नुकसान सपा प्रत्याशी नईमुल हसन को उठाना पड़ा। हालांकि अभी तक सपा ने पिछले 30 सालों में कोई मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारा था, जिससे इस बार नईमुल हसन के आने पर मुस्लिमों में काफी उत्साह भी था, लेकिन यह उत्साह सपा के वोट बैंक में परिवर्तित नहीं हो पाया। दूसरी ओर भाजपा के प्रत्याशी अशोक कुमार राणा ने भी इस बार कोई कसर नहीं छोड़ी थी। उन्होंने सपा-बसपा को परास्त करने के लिए विशेष कर ग्रामीण क्षेत्रों पर फोकस किया। इस सीट पर चौहान और वैश्य बिरादरी अच्छी पकड़ रखते हैं। शहरी मतदाता तो भाजपा का कोर वोट माना जाता है। अशोक कुमार राणा ने गांवों में अपनी पकड़ बनाने के लिए ब्लाक प्रमुख धामपुर व स्योहारा का सहारा लिया। धामपुर से ब्लाक प्रमुख हेमलता चौहान और स्योहारा से उज्जवल चौहान अशोक राणा के समर्थन से ही बने थे। ऐसे में इन प्रमुखों ने अपने ब्लाक की ग्राम पंचायतों के प्रधानों को अशोक राणा के समर्थन में तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जिसका सीधा लाभ भाजपा को धामपुर सीट पर हुआ। इसके अलावा भाजपा द्वारा किए गए विकास कार्यों व कोरोना में हुई मदद का भी अशोक राणा को जनसमर्थन के रूप में लाभ मिला।

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