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    Bijnor News: चीनी मिलों की राख अब प्रदुषण नहीं बल्कि बनेगी ऊर्जा, युवा शौधकर्ता रॉबिन ने तैयार किया प्रॉजेक्ट

    By Jagran NewsEdited By: Nirmal Pareek
    Updated: Mon, 02 Jan 2023 03:45 PM (IST)

    Bijnor News बिजनौर जिले के नजीबाबाद के युवा शोधकर्ता रॉबिन कुमार ने नोएडा की डैन्सो इंडिया लैब में काली राख को ईंधन के रूप में परिवर्तित कर उससे वैकल्पिक ऊर्जा का स्रोत विकसित करने का प्रोजेक्ट तैयार करने का दावा किया।

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    तैयार किए गए ईंधन का नमूना दिखाते युवा शोधकर्ता राबिन

    चरनजीत सिंह, नजीबाबाद: बिजनौर जिले के नजीबाबाद के युवा शोधकर्ता रॉबिन कुमार ने चीनी मिलों से निकलने वाली काली राख का उपयोग ईंधन के रूप में करने का प्रोजेक्ट तैयार किया है। मोहल्ला जाब्तागंज निवासी पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त ओमप्रकाश के पुत्र रॉबिन कुमार ने नोएडा की डैन्सो इंडिया लैब में काली राख को ईंधन के रूप में परिवर्तित कर उससे वैकल्पिक ऊर्जा का स्रोत विकसित करने का प्रोजेक्ट तैयार करने का दावा किया। रॉबिन का कहना है कि चीनी मिल से निकलने वाली काली राख पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होती है। चीनी मिल के बाहर लगे ढेर से काली राख लेकर रॉबिन ने उस पर डैन्सो इंडिया लैब में शोध किया। स्टार्च और कैमिकल की मदद से राख को ठोस पदार्थ में बदला।

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    ले रॉबिन का दावा- ईंधन के इस विकल्प से कचरे से निजात मिलेगी

    आचार्य आरएन केला इंटर कालेज से इंटर और कृष्णा कालेज बिजनौर से बीएससी माइक्रोबायोलाजी की शिक्षा पाने वाले रॉबिन का दावा है कि ईंधन के इस विकल्प से कचरे से निजात मिलेगी। बाजार में ऊर्जा का नया स्रोत दिखाई देगा। काली राख से बनाए गए ठोस पदार्थ को जलाया तो उसका 70 फीसदी उपयोग हो गया। अवशेष के रूप में 30 फीसदी सफेद राख बची। अब इसे ऊर्जा में बदलने पर काम किया जा रहा है। वहीं रॉबिन का ये भी कहना है कि वह इस फार्मूले को पेटेंट कार्यालय से पेटेंट कराएगा, फिर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में भागेदारी के लिए प्रयास करेगा।

    डैन्सो लैब नोएडा के उप प्रबंधक ने ये कहा

    स्वास्थ्य एवं पर्यावरण सुरक्षा, डैन्सो लैब नोएडा के उप प्रबंधक मेहरचंद का कहना है कि काली राख, स्टार्च और हाइड्रो कार्बन के मिश्रण से तैयार उत्पाद का फैक्ट्रियों में ईंधन, माचिस में जलने वाले पदार्थ के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। डैन्सो लैब में इसका परीक्षण किया गया है। वहीं, साहू जैन कालेज नजीबाबाद के रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रेमप्रकाश विश्वकर्मा का कहना है कि स्टार्च और हाइड्रोकार्बन के मिश्रण से मिलों की काली राख जल जाती है, तो इसके सार्थक परिणाम आ सकते हैं। यह सुखद अनुभव होगा।

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