Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आर्जव भाव ही मोक्ष का उत्तम मार्ग

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 12 Sep 2021 10:43 PM (IST)

    नजीबाबाद में दशलक्षण पर्व के तीसरे दिन उत्तम आर्जव धर्म पर जैन मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई।

    Hero Image
    आर्जव भाव ही मोक्ष का उत्तम मार्ग

    जेएनएन, बिजनौर। नजीबाबाद में दशलक्षण पर्व के तीसरे दिन उत्तम आर्जव धर्म पर जैन मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई।

    रविवार को दशलक्षण पर्व के तीसरे दिन श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं ने श्रीजी का अभिषेक कर नमन किया। जिनवाणी पाठ करते श्रद्धालुओं ने आर्जव धर्म का महत्व जाना। आर्जव धर्म पाप को नष्ट करने वाला और मन को स्थिर करने वाला है। उत्तम आर्जव धर्म सुख का उत्पादक है। इस धर्म का पालन करने की प्रेरणा मिलती है। जैन विद्वानों ने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि मन से माया शल्य को निकालने से ही आत्मा में निर्मलता का भाव उत्पन्न होगा। मोह-माया में उलझे रहने पर व्रत और तप सब निरर्थक हैं। यह आर्जव भाव ही मोक्ष के लिए उत्तम मार्ग है। जहां पर कुटिल परिणाम का त्याग कर दिया जाता है, वहीं पर आर्जव धर्म प्रकट होता है। यह अखंड दर्शन और ज्ञान स्वरूप है और परम सुख का पिटारा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आयोजन में दीपक जैन, पारसनाथ जैन, जिनेश्वरदास जैन, अजय जैन, राजीव जैन, नमन जैन, जितेंद्र जैन, दीपक जैन, राहुल जैन, ज्ञानचंद जैन, समला जैन, निधि जैन, अलका जैन, सुषमा जैन, संध्या जैन, रुकमणि जैन, रश्मि जैन, रैना जैन, मंजू जैन, छवि जैन, नीरज जैन, अवधेश जैन, भाविक जैन, विकास जैन, नीशु जैन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर धर्मलाभ उठाया।

    -बोले श्रद्धालु

    -उत्तम आर्जव धर्म मोह माया का त्याग और आत्मा में निर्मलता का भाव उत्पन्न करने की प्रेरणा देता है। मोक्ष का यह सद्मार्ग है।

    -राजीव जैन -मन में द्वेष भावना और कुविचारों से मुक्ति के लिए उत्तम आर्जव धर्म सशक्त माध्यम है। यह मन को शक्ति प्रदान करता है।

    -स्नेहलता जैन