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    अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की कुनबा बढ़ने की उम्मीद... लगाए जाएंगे ट्रैप कैमरे, बाघों की होगी गणना

    By Jagran News Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Tue, 18 Nov 2025 05:03 PM (IST)

    अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना की तैयारी फिर शुरू हो गई है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम ट्रैप कैमरों से बाघों की गिनती करेगी। हाल ही में शावकों के निशान मिलने से बाघों का कुनबा बढ़ने की उम्मीद है। 2023 में यहाँ 32 बाघ थे। पहली बार एक बाघिन को रेस्क्यू कर सोहेलवा अभयारण्य भेजा गया।

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    अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में घूमता बाघ। सौ. एआर रहमान

    जागरण संवाददाता, बिजनौर। अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में फिर से बाघों की गणना की तैयारी की जा रही है। बाघों की गणना के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ (वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फाउंडेशन) की टीम जल्दी ही अमानगढ़ में आने वाली है। बाघों की गणना के लिए ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे। ट्रैप कैमरों में आए फोटो के आधार पर ही बाघों की गणना होगी। हाल ही में अमानगढ़ में बाघ के शावकों के पंजों के निशान मिलते रहे हैं। इससे यहां पर बाघों का कुनबा बढ़ने की पूरी संभावना है।

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    अमानगढ़ में मिलने वाले रायल बंगाल टाइगर अमानगढ़ की शान हैं। अमानगढ़ टाइगर रिजर्व भौगोलिक रूप से कार्बेट टाइगर रिजर्व का हिस्सा है। अमानगढ़ में रायल बंगाल टाइगर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। अमानगढ़ में बाघों की गणना होती रहती है। हालांकि हर बार बाघों की संख्या के आंकड़े सार्वजनिक नहीं हो पाते हैं। वर्ष 2023 की गणना के अनुसार अमानगढ़ में 32 बाघ मिले हैं।

    वर्ष 2024 की गणना के आंकड़े भी अब तक सार्वजनिक नहीं हुए हैं। अब फिर से अमानगढ़ में बाघों की गिनती की तैयारी हो रही है। उम्मीद की जा रही है कि अमानगढ़ में बाघों की संख्या फिर से बढ़ेगी। इसका कारण है कि यहां पर बाघों के साथ ही अमानगढ़ में शावकों के पंजों के निशान भी वन विभाग की टीम को दिखते रहते हैं।

    पहली बार अमानगढ़ से बाहर गई बाघिन
    अमानगढ़ के बाघ अब तक वन के अंदर ही बने हुए हैं। हाल ही में एक बाघिन वन से बाहर आई थी। वन विभाग के अधिकारियों ने उसे ट्रैंकुलाइज कर सोहेलवा वन्यजीव अभयारण्य में छोड़ दिया है। पहली बार अमानगढ़ से कोई बाघ बाहर भेजा गया है। ऐसे होती है गणना : बाघ आमतौर पर वन्यजीवों के चलने से बनी पगडंडी पर चलते हैं। इन पगडंडी को चिह्नित करके ट्रैप कैमरे लगाए जाते हैं। ट्रैप कैमरे के सामने होने वाली हर गतिविधि का फोटो कैमरे में कैद हो जाता है। बाघ के शरीर के आकार, उस पर बनी धारी से बाघों की पहचान की जाती है।