बाघ की दहाड़ और हाथी की चिंघाड़ का रोमांच लेना चाहें...तो अमानगढ़ आएं
अमानगढ़ टाइगर रिजर्व आज से पर्यटकों के लिए फिर से खुल गया है। 15 जून तक जंगल सफारी चलेगी, जहाँ पर्यटक बाघ, हाथी और चीतल जैसे वन्यजीवों को देख सकेंगे। सुबह और शाम की शिफ्ट में जिप्सी प्रवेश करेंगी। 32 किलोमीटर के सफर में वाटर होल भी शामिल हैं। इस वर्ष पर्यटन के चौथे सत्र का शुभारंभ हो रहा है, जिससे पर्यटकों में उत्साह है।

अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में पानी पीता चीतल का झुंड। सौजन्य: एआर रहमान
जागरण संवाददाता, बिजनौर। पर्यटकों को वन्यजीवों की दुनिया के दर्शन कराने के लिए अमानगढ़ टाइगर रिजर्व आज से फिर खुल जाएगा। जिले के प्रभारी मंत्री कपिलदेव अग्रवाल जंगल सफारी का शुभारंभ करेंगे। 15 जून तक अमानगढ़ में जंगल सफारी होगी। पर्यटक बाघ की दहाड़ और हाथी की चिंघाड़ का रोमांच लेंगे। चीतल के झुंड की सुंदरता को निहारेंगे तो विशाल वन्य संपदा को देखेंगे। अमानगढ़ में सुबह और शाम की शिफ्ट में दस जिप्सी प्रवेश करेंगी। फिलहाल किराये से लेकर जंगल सफारी ट्रैक में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
अमानगढ़ को वर्ष 2022 में पर्यटकों के लिए खोला गया था और जंगल सफारी शुरू की गई। इससे पहले अमानगढ़ के बारे में उसके आसपास के लोग भी केवल किस्से कहानी ही सुनते थे। पर्यटन शुरू हुआ तो पर्यटक भी प्रकृति के के इस अनदेखी दुनिया के रोमांच का अनुभव करने आने लगे। इस वर्ष अमानगढ़ में पर्यटन के चौथे सत्र का आज से शुभारंभ होने जा रहा है। देश के कोने-कोने के अलावा विदेशों से भी पर्यटक अमानगढ़ में खूबसूरती को निहारने के लिए आते हैं।

अमानगढ़ में रायल बंगाल टाइगर की दहाड़, हाथी की चिंघाड़ और चीतल की सुंदरता सभी को आकर्षित करती है। आमतौर पर 15 नवंबर से वन क्षेत्र में जंगल सफारी का आगाज होता है लेकिन इस वर्ष पहले ही जंगल सफारी शुरू कराई जा रही है। पर्यटकों को वन्यजीवों के दर्शर कराने व सुरक्षा की दृष्टि से ट्रैक के किनारे दोनों ओर व्यू लाइन को साफ कर दिया गया है यानि छोटे पौधों को काटा गया है। यहां पर सुबह व शाम की शिफ्ट में दस जिप्सी प्रवेश करेंगी।
32 किलोमीटर लंबा होगा रोमांचक सफर
अमानगढ़ में पर्यटकों को प्रवेश द्वार से झीरना गेट तक ले जाया जाता है। इस बीच पड़ने वाले तीन वाटर होल पर भी जिप्सी जाती है। वहां वन्यजीवों का पानी पीते हुए दिखना बहुत आम होता है। प्रवेश द्वार से झीरना गेट की एक ओर की दूरी 16 किलोमीटर है। यानि पर्यटक लगभग 32 किलोमीटर तक अमानगढ़ में घूमते हैं। इसमें लगभग तीन से साढ़े तीन घंटे का समय लगता है।
यह है किराया
2,280 रुपये है जिप्सी शुल्क
400 रुपये है गाइड के
300 रुपये प्रवेश शुल्क प्रति वाहन
100 रुपये प्रति व्यक्ति प्रवेश चार्ज
प्रवेश का समय
शीतकालीन: नवंबर से मार्च सुबह 6.30 से दस बजे तक। सायं दो से सूर्यास्त तक।
ग्रीष्मकालीन: अप्रैल से जून सुबह छह से साढ़े नौ बजे तक। सायं तीन बजे से सूर्यास्त तक।
उम्मीद है कि पहले से अधिक पर्यटक आएंगे
अमानगढ़ को पर्यटकों के लिए आज से खोला जा रहा है। उम्मीद है कि पहले से अधिक पर्यटक आएंगे। पर्यटकों के लिए कैफेटेरिया भी तैयार है। अमानगढ़ के अंदर भी कैंटीन में नाश्ते आदि की व्यवस्था है। जय सिंह कुशवाहा, डीएफओ
इस वर्ष एक नवंबर से ही जंगल सफारी शुरू की जा रही है। व्यू लाइन आदि को साफ कर दिया गया है और रास्तों की भी मरम्मत हो गई है। उम्मीद है कि पर्यटकों को यहां मौजूद सभी तरह के वन्यजीव दिखेंगे। अंशुमान मित्तल, एसडीओ, वन विभाग

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।