लीजिये! हाजिर है जंगल सफारी...आएं और प्रकृति के रोमांच का अनुभव करें
अमानगढ़ टाइगर रिजर्व वन रेंज में शीतकालीन सत्र का शुभारंभ हुआ। पर्यटकों के लिए जंगल सफारी शुरू की गई है, जिससे वन्यजीवों को करीब से देखने का मौका मिलेगा। वन्यजीवों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसका उद्देश्य अमानगढ़ को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाना है।

अमानगढ़ टाइगर रिजर्व वन रेंज में शीतकालीन सत्र के लिए तैयार जंगल सफारी। जागरण
संवाद सूत्र, जागरण, रेहड़ (बिजनौर) : अमानगढ़ टाइगर रिजर्व वन रेंज में शीतकालीन सत्र का शनिवार को उद्घाटन हुआ। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में जिले के प्रभारी मंत्री कपिल देव अग्रवाल और स्थानीय बढ़ापुर विधायक कुंवर सुशांत सिंह को शुभारंभ करना था, लेकिन दोनों ही अतिथि नहीं पहुंच सके। तीन घंटे तक वन विभाग के अधिकारी इंतजार करते रहे, बाद में अधिकारियों द्वारा विधायक से मोबाइल पर बार-बार आग्रह करने पर विधायक ने अपने प्रतिनिधि सीपी सिंह को भेजा। साथ ही अफजलगढ़ ब्लाक प्रमुख प्रदीप कुमार भी पहुंचे। शुभारंभ कार्यक्रम सुबह 11 बजे होना था, जिसके बाद लगभग तीन घंटे बाद लगभग ढाई बजे विधायक प्रतिनिधि व ब्लाक प्रमुख ने हरी झंडी दिखाकर जंगल सफारी की जिप्सियों को रवाना किया। इससे पहले वन अधिकारियों ने विधायक प्रतिनिधि व ब्लाक प्रमुख से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। पहले दिन पर्यटक तो कोई नहीं पहुंचे, लेकिन उद्घाटन के बाद अतिथि व उनके साथ आए कुछ लोग व अधिकारी पांच जिप्सियों से जंगल सफारी के लिए रवाना हुए।
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पर्यटकों के लिए वर्ष 2022 में खोला गया था अमानगढ़
अमानगढ़ को वर्ष 2022 में पर्यटकों के लिए खोला गया था और जंगल सफारी शुरू की गई। इससे पहले अमानगढ़ के बारे में उसके आसपास के लोग भी केवल किस्से कहानी ही सुनते थे। पर्यटन शुरू हुआ तो पर्यटक भी प्रकृति के इस अनदेखी दुनिया के रोमांच का अनुभव करने आने लगे। इस वर्ष अमानगढ़ में पर्यटन के चौथे सत्र का आज से शुभारंभ होने जा रहा है। देश के कोने कोने के अलावा विदेशों से भी पर्यटक अमानगढ़ में खूबसूरती को निहारने के लिए आते हैं। अमानगढ़ में रायल बंगाल टाइगर की दहाड़, हाथी की चिंघाड़ और चीतल की सुंदरता सभी को आर्षित करती है। आमतौर पर 15 नवंबर से वन क्षेत्र में जंगल सफारी का आगाज होता है लेकिन इस वर्ष पहले ही जंगल सफारी शुरू कराई जा रही है। पर्यटकों को वन्यजीवों के दर्शर कराने व सुरक्षा की दृष्टि से ट्रैक के किनारे दोनों ओर व्यू लाइन को साफ कर दिया गया है यानि छोटे पौधों को काटा गया है। यहां पर सुबह व शाम की शिफ्ट में दस जिप्सी प्रवेश करेंगी।
32 किलोमीटर लंबा होगा रोमांचक सफर
अमानगढ़ में पर्यटकों को प्रवेश द्वार से झीरना गेट तक ले जाया जाता है। इस बीच पड़ने वाले तीन वाटर होल पर भी जिप्सी जाती है। वहां वन्यजीवों का पानी पीते हुए दिखना बहुत आम होता है। प्रवेश द्वार से झीरना गेट की एक ओर की दूरी 16 किलोमीटर है। यानि पर्यटक लगभग 32 किलोमीटर तक अमानगढ़ में घूमते हैं। इसमें लगभग तीन से साढ़े तीन घंटे का समय लगता है।
यह है किराया
2,280 रुपये है जिप्सी शुल्क
400 रुपये है गाइड के
300 रुपये प्रवेश शुल्क प्रति वाहन
100 रुपये प्रति व्यक्ति प्रवेश चार्ज
प्रवेश का समय
शीतकालीन : नवंबर से मार्च
सुबह 6.30 से दस बजे तक। सायं दो से सूर्यास्त तक।
ग्रीष्मकालीन: अप्रैल से जून
सुबह छह से साढ़े नौ बजे तक। सायं तीन बजे से सूर्यास्त तक।

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