दो वर्ष में करीब नौ हजार टीबी रोगी हुए स्वस्थ
टीबी के रोगियों को लेकर विभाग गंभीर है। इसके रोगियों की तलाश लगातार की जा रही है। बीते दो साल में करीब नौै हजार टीबी रोगी स्वस्थ हो चुके हैं।
बिजनौर, जेएनएन। टीबी के रोगियों को लेकर विभाग गंभीर है। इसके रोगियों की तलाश लगातार की जा रही है। पिछले दो वर्ष तीन माह में 15599 मरीज मिल चुके हैं। नियमित दवाओं का सेवन कर 8795 टीबी रोगी स्वस्थ हो चुके हैं। शासन की मंशा के अनुरूप वर्ष 2025 तक टीबी का समूल नाश करने के लिए टीबी विभाग पूरी तरह से तैयार है।
टीबी रोगियों की खोज के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। नौ मार्च से 16 मार्च तक टीबी रोगी खोजो अभियान चलाया गया। वहीं 24 मार्च से 13 अप्रैल तक सभी 103 कम्युनिटी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में 309 बूथ लगाकर टीबी रोगियों की खोज की जाएगी।
इलाज बीच में न छोड़ें
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. बीएस रावत बताते हैं कि सरकारी अस्पताल में टीबी की जांच एवं इलाज पूरी तरह से निश्शुल्क है। मरीज को इलाज के दौरान हर माह पोषण आहार के लिए 500 रुपये दिए जाते हैं। मात्र छह माह तक नियमित रूप से दवा खाने से रोगी पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है। इलाज बीच में छोड़ने से रोगी एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्टेंट) और बाद में एक्सडीआर (एक्सटेसीव ड्रग रजिस्टेंट) की श्रेणी में आ जाता है। इसका इलाज एक वर्ष से अधिक तक चलाया जाता है। एमडीआर की स्थिति में रोगी को जांच के लिए मेरठ रेफर किया जाता है। मरीज को मेरठ जाने के लिए 300 रुपये भी दिए जाते हैं। टीबी के लक्षण
लगातर हल्का बुखार आना, वजन में कमी होना, अधिक पसीना आना, सांस लेने में परेशानी होना, सीने में दर्द होना, मांसपेशियों में खिचाव होना एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना। पिछले दो वर्ष की स्थिति:
वर्ष--------- मरीज-------स्वस्थ
2020-------6239--------5208
2021-------7710--------3587
2022------1650--------उपचाराधीन
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