शाह आलम की सुरक्षा में आए थे हथियारबंद युवक
पुलिस ने जजी परिसर के बाहर से गाड़ी में पकड़े गए छह बदमाशों को गुरुवार को जेल भेज दिया है। पूछताछ में सामने आया कि कोर्ट में मारे गए शहनवाज अंसारी के भा ...और पढ़ें

बिजनौर, जेएनएन। पुलिस ने जजी परिसर के बाहर से गाड़ी में पकड़े गए छह बदमाशों को गुरुवार को जेल भेज दिया है। पूछताछ में सामने आया कि कोर्ट में मारे गए शहनवाज अंसारी के भाई शाहआलम की कोर्ट में तारीख थी। उसने अपनी सुरक्षा के लिए बदमाशों को बुलाया था। फरार शाहआलम समेत दो आरोपितों की तलाश है। नगर पालिका चेयरमैन मन्नान को लेकर भी जांच होगी।
गुरुवार को पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस वार्ता में एसपी सिटी प्रवीण रंजन ने बताया कि बुधवार को चेकिग के दौरान मंडावर रोड पर जजी परिसर के बाहर स्कार्पियो गाड़ी में छह युवकों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से छह तमंचे, 23 कारतूस, एक फर्जी कार्ड बरामद हुआ है। पकड़े गए आरोपित नजीबाबाद के गांव कनकपुर निवासी सुहेल आलम, गांव मौज्जमपुर सादात निवासी संदीप, अमरपाल उर्फ भूरे, मंडावली थाना क्षेत्र के गांव जटपुरा बोंढा निवासी कौशल, नगीना देहात थाना क्षेत्र के गांव किशनपुर आंवला निवासी रियाजुद्दीन और गांव कोटकादर निवासी अकरम है। वहीं, हत्या के एक मामले में तारीख पर आए कनकपुर निवासी शाहआलम और उसका साथी उवैश फरार हो गए। शाह आलम 17 दिसंबर को कोर्ट में मारे गए शातिर अपराधी शहनवाज अंसारी का भाई है। गिरफ्तार आरोपितों में सुहेल भी दोनों का भाई है। एसपी सिटी ने बताया कि शाहआलम की बुधवार को तारीख थी। वह वकील के पास हाजिरी माफीनामा लिखकर कोर्ट में नहीं गया। जजी से फरार हो गया। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि शहनवाज की हत्या के बाद शाहआलम की अदावत नगर पालिका चेयरमैन अब्दुल मन्नान से चल रही है, इसलिए शहआलम ने अपनी सुरक्षा के लिए उन्हें बुलाया था। तभी अचानक कोर्ट में सरेंडर करने के लिए मन्नान भी जजी में पहुंच गया। इसकी भनक लगते ही शाहआलम वहां से निकल गया। गिरफ्तार आरोपितों को जेल भेज दिया गया है।
------------
मन्नान से कनेक्शन जोड़कर जांच कर रही पुलिस
एसपी सिटी ने बताया कि तारीख पर आए शाहआलम ने अपने भाई और अन्य लोगों को वीडियो कालिग कर जजी परिसर में बुलाया था। अब्दुल मन्नान का सरेंडर के दिन ही उसकी तारीख थी। यह एक इत्तेफाक है या फिर बड़ी साजिश। इसकी भी जांच की जा रही है। शाहआलम की तलाश की जा रही है। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही यह राज खुल पाएगा। शाहआलम ने अपनी सुरक्षा के लिए बुलाया था या फिर कोई खतरनाक मंसूबा बुन रहा था। हालांकि एक बड़ी वारदात टल गई है। अगर उनका टारगेट मन्नान था, तो बड़ा खूनखराबा होता। चूंकि, मन्नान के साथ भी कई लोग थे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।