मनोकामना मंदिर में पूर्ण होती है मनोकामना
चांदपुर : गांव मोहनपुर स्थित मनोकामना पूर्ण सिद्ध पीठ महालक्ष्मी मंदिर की बहुत मान्यता है। करीब दस व
चांदपुर : गांव मोहनपुर स्थित मनोकामना पूर्ण सिद्ध पीठ महालक्ष्मी मंदिर की बहुत मान्यता है। करीब दस वर्ष पूर्व प्रकट हुई देवी की मां प्रतिमा के समक्ष दूरदराज से श्रद्धालु मंदिर में शीश नवाने आते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से यहां पर कोई मन्नत मांगने आता है तो उसकी मुराद अवश्य पूरी होती है। हल्दौर रोड स्थित मनोकामना मंदिर का इतिहास भले ही दस वर्ष पुराना हो, लेकिन जिस तरह यहां देवी मां की प्रतिमा प्रकट हुई। उससे श्रद्धालुओं की श्रद्धा और भी बढ़ जाती है। बताते हैं कि आठ दिसंबर 2005 को गांव निवासी नीरज कुमार खेत में पानी दे रहा था, तभी फावड़ा जमीन में लगते ही तेज प्रकाश निकाला। इससे नीरज बेहोश तो हुआ ही साथ ही आंखों की रोशनी भी चली गई। उसी रात वहां देवी की प्रतिमा प्रकट हुई। उसके बाद से ही वहां मंदिर का निर्माण हुआ। साथ ही लोगों की आस्था भी मंदिर के प्रति बढ़ती चली गई। साथ ही बेहोश हुआ युवक नीरज ही यहां का महंत बन गया। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से यहां मन्नत मांगता वह अवश्य पूरी होती है।
हर शुक्रवार को लगता है मेला
मनोकामना सिद्ध पीठ मंदिर में हर शुक्रवार मेला आयोजित होता है। इसमें आसपास ही नहीं दूरदराज से लोग आकर भंडारा आयोजित कराते हैं। खासकर वो लोग भंडारा कराते हैं, जिनकी मन्नत पूरी होती है।
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