रूपहले पर्दे पर धामपुर की सशक्त दस्तक
अमित शर्मा, धामपुर (बिजनौर): बॉलीवुड की हसीन दुनियां में अपनी जगह तलाश रहे स्थानीय युवाओं के लिए ...और पढ़ें

अमित शर्मा, धामपुर (बिजनौर):
बॉलीवुड की हसीन दुनियां में अपनी जगह तलाश रहे स्थानीय युवाओं के लिए नगर निवासी विवेक सिन्हा बड़ी उम्मीद बनकर उभरे हैं। तीन साल के छोटे से केरियर में उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त विवेक के नाम संग जुड़ चुकी है। विज्ञापन की दुनियां में छोटे लेकिन प्रभावशाली किरदारों के साथ ही बॉलीवुड-हॉलीवुड फिल्मों और टीवी धारावाहिकों तक उनकी अभिनय क्षमता का सितारा बुलंदियों पर चमक रहा है।
नगर के मोहल्ला काहरान निवासी 31 वर्षीय विवेक सिन्हा पुत्र कृष्णवीर सिन्हा ने स्थानीय स्तर पर इंटर की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वाणिज्य वर्ग में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह नौकरी के सिलसिले में दिल्ली जा बसे। तकरीबन आठ साल तक अलग-अलग संस्थानों में नौकरी के बाद एकाएक उनका मन अभिनय की दुनियां की ओर रम गया। भविष्य की ऊंचाईयों को छूने की दहलीज पर खड़े नौजवान विवेक ने तभी कठोर फैसला लेते हुए नौकरी को अलविदा कहा और हिमाचल प्रदेश के मंडी में अभिनय की बारीकियों को सीखने व समझने के लिए पहुंच गए। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद वापस दिल्ली लौटे विवेक ने तारा मंडल नाम से थियेटर ग्रुप की शुरूआत की और अनवरत अभिनय साधना में जुटे रहे। इस दौरान उन्होंने अपने अभिनय के दम पर कई विज्ञापनों में काम किया जो खासे लोकप्रिय हुए। लॉलीपॉप ¨सस 1947, जनपथ, हाय दिल, बॉलीवुड डायरी जैसी बॉलीवुड फिल्मों के अलावा उन्होंने हॉलीवुड फिल्म बेस्ट चांस और सावधान इंडिया, वारदात, सावधान इंडिया, क्राइम पेट्रोल जैसी दूसरी कई टीवी डॉक्यूमेंट्री में भी काम किया। कामयाबी के इस सफर में उन्हें नई पहचान मिली आमिर खान अभिनीत फिल्म पीके से। इस फिल्म में एक बेहद छोटा और मूक ²श्य उन पर फिल्माया गया, जिसमें उन्हें हैं¨गग बाबा के रूप में नई पहचान मिली। फिल्म के प्रमोशन के दौरान हर प्रोमो और दीवारी इस्तहारों में उनका चेहरा दुनियां को साफ नजर आया। मौजूदा समय विवेक अपनी कामयाबी से पूरी तरह संतुष्ट हैं और भविष्य में एक सफल अभिनेता बनने का ख्वाब रखते हैं।
इंसेट-
दाड़ी ने दी विवेक को नई पहचान
कभी शहर की सड़कों पर सादा और नटखट सा नजर आने वाला विवेक का चेहरा अभिनय की दुनियां में पहुंचकर पूरी तरह बदल गया। यहां उनकी दाड़ी और लंबे बाल नई पहचान बनकर उभरे। हालत यह हुई कि इसी नई पहचान के दम पर उन्होंने दर्जनों किरदारों को अपने रूप में जीवंत किया।
लगातार बढ़ा तो मिली कामयाबी : विवेक
विवेक अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय परिजनों व गुरुजनों को देते हैं। अपने पिता स्व.कृष्णवीर सिन्हा को खुद का आदर्श मानने वाले विवेक लगातार आगे बढ़ते रहने में यकीन रखते हैं। स्थानीय कलाकारों और युवाओं को भी वह लगातार आगे बढ़ते रहने और धामपुर से निकलकर बड़े शहरों में अपनी किस्मत आजमाने का सुझाव देते हैं।
--अमित-------------

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