भदोही में दुर्गा पूजा पंडाल लगी आग में दो किशोरियों की मौत, हादसे में मरने वालों की संख्या पहुंची 12
भदोही के नरथुआ स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में झुलसे लोगों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को सर सुंदर लाल अस्पताल वाराणसी में इलाज के दौरान दो की मौत हो गई। इस प्रकार अब हादसे में मरने वालों की संख्या 12 हो गई है।

जागरण संवाददाता, भदोही : औराई के नरथुआ स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में झुलसे लोगों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को सर सुंदर लाल अस्पताल वाराणसी में इलाज के दौरान 16 वर्षीय प्रियल उर्फ बाबी और 17 वर्षीय प्रिति की मौत हो गई। इस प्रकार अब हादसे में मरने वालों की संख्या 12 हो गई है। अभी भी 71 लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इसमें 10 की हालत गंभीर बनी हुई है।
शारदीय नवरात्र में सप्तमी को नारथुआ गांव में स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में आग लग गई थी। इसमें 83 लाेग झुलस गए थे। घटना में झुलसे अंकुश सोनी, जया देवी, नवीन, सुजम उर्फ सिद्धांत, आरती चौबे, शिवपूजन, राममूरत, सीमा देवी और मंजू देवी के अलावा पुरुषोत्तमपुर निवासी अशोक यादव की मौत हो चुकी है।
इसके साथ ही 73 झुलसे लोगों का इलाज वाराणसी के बीएचयू, ट्रामा सेंटर, कबीरचौरा, प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल और भदोही के सूर्या ट्रामा सेंटर, जीवनदीप अस्पताल में चल रहा है। रविवार को देर शाम सर सुंदर लाल राजकीय अस्पताल में भर्ती बारी गांव की 16 वर्षीय प्रियल ऊर्फ बाबी पुत्री अवधेश और राजापुर घोसिया निवासी 17 वर्षीय प्रिती पुत्री नंदलाल की मौत हो गई।
एक ही परिवार में लगातार पांचवीं मौत होने से पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। देर रात कड़ी सुरक्षा के बीच वाराणसी से दोनों शव को लाया गया। जिससे एक बार फिर क्षेत्र करुण चित्कारो से लोगों के ह्दय को द्रवित कर दिया।
डीएम साहब हमरे नातिन के बचाई ल, नाहीं त खत्म होइ जाए खानदान
सर सुंदरलाल अस्पताल वाराणसी में भर्ती प्रियल उर्फ बाबी की मौत से परिवार पर मानो वज्रपात हो गया। रविवार को दादा राममूरत रो-रोकर यही कह रह थे कि डीएम साहब हमरे प्रतिमा बिटिया के बीएचयू से छुट्टी दिलाइ द नाहिं तक पूरा खानदान खतम होइ जाए। आरोप लगा रहे थे कि वहां पर ठीक से इलाज न होने पर उसके परिवार के पांच लोगों की मौत हो चुकी है। प्रतिमा भी जीवन मौत से जूझ रही है।
वह किसी प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराएंगे। बारी गांव की पूर्व प्रधान जयादेवी अपने चार नाती और बहू को लेकर रविवार को मां दुर्गा की आरती में गई थी। दादी जयादेवी और उनके दो नाती सुजम उर्फ सिद्धांत और नवीन की पहले ही मौत हो चुकी है जबकि सीमा और अन्य नाती प्रतिमा, बाबी, शिवांगी और तीन माह की कुहू का इलाज चल रहा है। सुजम तीन बहनों में एकलौता भाई था। उसके पिता अवधेश की एक साल पहले मौत हो गई थी। इलाज के दौरान एकलौता बेटा सुजम और उसकी मां सीमा की भी मौत हो चुकी है।
इस प्रकार अवधेश की पत्नी सीमा, बेटा सुजल, बाबी की मौत हो गई। हादसे में झुलसी प्रतिमा का इलाज चल रहा है। उसकी भी हालत गंभीर बताई जा रही है। लगातार हो रही मौत की घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। दादा रामसूरत परिवार के पांच लोगों को मुखाग्नि देते-देते थक चुके हैं। अब उनके हाथ और लोगों को मुखाग्नि देने को तैयार नहीं हो रहे हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।