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    सुदर्शन क्रिया शरीर के साथ अंत:करण को करती है शुद्ध

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 27 Jul 2021 07:37 PM (IST)

    जासं भदोही भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) में चल रहा चार दिवसीय आनलाइन मेि

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    सुदर्शन क्रिया शरीर के साथ अंत:करण को करती है शुद्ध

    जासं, भदोही : भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) में चल रहा चार दिवसीय आनलाइन मेडिटेशन कार्यशाला का मंगलवार को समापन हो गया। इस दौरान तनाव को मुक्त करने, शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योगाभ्यास किया गया। विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) एवं संस्थान के चेयरमैन शांतमनु ने मेडिएशन के बारे में लोगों को जानकारी प्रदान की।

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    कहा कि नियमित योग व सुदर्शन क्रिया से मिलने वाली ऊर्जा हमारे शरीर के साथ अंत:करण को शुद्ध करने में सहायक होती है। उन्होंने इस तरह के आयोजन को बढावा देने पर बल दिया। कार्यक्रम की संयोजिका व वरिष्ठ योग गुरु अरुणिमा सिन्हा ने योग की विभिन्न क्रियाओं के बारे में लोगों को जानकारी प्रदान की। कहा कि प्राणायाम व सुदर्शन क्रिया हमारे शरीर के साथ मानसिक रूप से स्वस्थ बनाने में कारगर साबित होते हैं। इस दौरान लोगों ने योगाभ्यास कर पसीना बहाया। संस्थान के निदेशक डा. आलोक कुमार ने कहा कि कार्यशाला के दौरान काफी कुछ सीखने को मिला। इसका लाभ भागीदारी करने वालों को भविष्य में भी मिलेगा। हालांकि इसके लिए निरंतरता की जरूरत है। इसके लिए आर्ट आफ लिविग के संस्थापक व अध्यात्म गुरु श्री श्री रविशंकर का विशेष आभार प्रकट किया। इस मौके डा. अणु मिश्रा, डा. हिमांशु महापात्रा, डा.रतिकांत मलिक, डा. मोमिता बेरा, सिद्धार्थ शुक्ला, उमाकांत श्रीवास्तव, जयंत देश पांडेय आदि थे।

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