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    वसूली की सूली पर चढ़े 14 हजार अरमान

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 02 Aug 2019 06:32 PM (IST)

    तहसीलों में भ्रष्टाचार पूरी तरह जकड़ चुका है। जहां पर धन मिलने की उम्मीद है वहीं पर उनकी निगाहें टिकी हुई हैं। आलम यह है कि लापरवाह अफसरों के चलते तीनो ...और पढ़ें

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    वसूली की सूली पर चढ़े 14 हजार अरमान

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    महेंद्र दुबे, ज्ञानपुर, भदोही

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    जिले में तीन तहसीलों में हैसियत प्रमाण पत्र के 99 मामले एक महीने से ज्यादा लंबित हैं। निस्तारित इसलिए भी नहीं हो रहे हैं कि इसके लिए जिम्मेदारों को चढ़ावा चढ़ना बाकी है। इसकी बानगी दो दिन पहले रिश्वतखोर राजस्व लिपिक के पकड़े जाने पर देखी जा चुकी है। केवल हैसियत ही नहीं, जिले में आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भी फरियादियों को तहसीलों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। लेखपाल, कानूनगो, नायब से लेकर तहसीलदार तक वसूली हो रही है।

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    इसका खुलासा भ्रष्टाचार निवारण संगठन दो दिन पहले कर चुका है। वह प्रमाण पत्रों के खेल में बाबू से लेकर नायब और तहसीलदार की भूमिका को संदिग्ध बता चुके हैं। संदेह को इसलिए भी बल मिल रहा, क्योंकि जिले में 14 हजार आवेदन एक माह से लंबित हैं। उन्हें नियमत: 15 दिन में फरियादी को दे देना चाहिये। अफसोस, खेल खेला जा रहा है।

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    कहां कितने लंबित हैं आवेदन

    तहसील निवास जाति आय

    ज्ञानपुर 936 774 1696

    औराई 1091 971 1971

    भदोही 2492 2084 3124

    कुल योग 4,519 3,829 6,793

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    फरियादी दौड़ रहे, मगर कान में नहीं रेंग रहा जूं : लापरवाह अफसरों के चलते तीनों तहसील में कुल 14 हजार जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र लंबित हैं। शिक्षण संस्थानों में दाखिला होने में अभ्यर्थियों को दिक्कत उठानी पड़ रही है। दो माह से अधिक का समय बीत गए लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रहा है। वसूली की सूली पर चढ़कर लोगों के अरमान दम तोड़ते दिखाई पड़ रहे हैं।

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    रिपोर्ट और स्वीकृति के फेर में आवेदन : जुलाई में शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए आय, जाति और निवास प्रमाण पत्रों की जरूरत होती है। अभ्यर्थी सहज सेवा केंद्रों पर आनलाइन आवेदन तो कर दे रहे हैं लेकिन तहसीलों में आवेदनों की जांच कर न तो रिपोर्ट दी जा रही है और न ही स्वीकृति। तीनों तहसील में निवास के 4,519 आवेदन लंबित हैं। इसमें सर्वाधिक भदोही तहसील में 2,492 आवेदनों में तहसीलदार स्तर पर लंबित पड़ी है। जाति प्रमाण पत्र के लिए तीनों तहसीलों में 3,832 और आय प्रमाण पत्र के लिए 6,791 आवेदन लंबित पड़े हैं। सर्वाधिक भदोही तहसील में आवेदनों में रिपोर्ट नहीं दी गई।

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    क्या है प्रमाण पत्र जारी करने का नियम : जाति और आय प्रमाणपत्र तहसीलदार और निवास प्रमाण पत्र उप जिलाधिकारी की ओर से जारी होता है। सिगल विडो के तहत किसी भी प्रमाणपत्र को 15 दिन के अंदर जारी कर देना चाहिए। जन सेवा केंद्रों के माध्यम से आय-जाति और निवास प्रमाण पत्र को आनलाइन कर दिया जाता है। वह संबंधित तहसील के लॉग-इन पर अपलोड होता है। संबंधित तहसीलदार उसे लेखपालों के लॉग-इन पर भेजते हैं। रिपोर्ट आने पर प्रमाणपत्र जारी होता है।

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    सहज सेवा केंद्रों में हो रही मनमानी : सहज सेवा केंद्रों में मनमानी की जा रही है। अभ्यर्थियों से मनमानी शुल्क लिया जा रहा है। 310 आवेदनों को एक माह बाद भी तहसील की लॉग-इन पर अपलोड नहीं किया गया है। सहज सेवा केंद्र के कोआर्डिनेटर आशुतोष का कहना है कि सहज सेवा केंद्रों के संचालकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिकायतों की जांच की जा रही है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

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