अहं इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन, इसका करें त्याग
जासं भदोही पर्युषण पर्व के उपलक्ष्य में रजपुरा कालोनी स्थित जैन मंदिर में चल रहे आठ दिवसीय

जासं, भदोही : पर्युषण पर्व के उपलक्ष्य में रजपुरा कालोनी स्थित जैन मंदिर में चल रहे आठ दिवसीय आराधना कार्यक्रम में मंगलवार को धर्मगुरुओं ने कहा कि कल्पसूत्र वाचन के श्रवण से मन में शांति का अनुभव होता है। लौकिक या अलौकिक दोनों जगत कल्पसूत्र के वाचन से एक हो जाते हैं। कल्पसूत्र वाचन के शब्द सुनकर मन, प्राण, चेतना और मानस से अमृत रस बहने लगता है। मन की सारी चिताएं और चंचलताएं कुछ पलों के लिए ठहर जाती हैं। कहा कि कल्पसूत्र वाचन न केवल आगम ग्रंथ है बल्कि यह साधना है जो साधक को अपने साध्य से मिलाने का काम करती है। स्वाधाययी यतींद्र भंडारी ने कहा कि कल्पसूत्र के शब्दों में धर्म अध्यात्म बोलता है जो मन के गुणों, अवगुणों को तौलता है। अवगुणों से मुक्ति का द्वार खोलता है। पीयूष जैन ने बताया कि जो व्यक्ति अपने कुल, राग, संपत्ति, बल गौत्र का अभिमान करता है वह अगले भव में उसे प्राप्त नहीं होती। अभिमानी व्यक्ति मरने के लिए तैयार होता है मगर झुकने के लिए तैयार नहीं होता। प्रभु महावीर स्वामी का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि मनुष्य को कभी भी अपने जीवन में अभिमान नहीं करना चाहिए। इस मौके पर सुरेंद्र डागा, आरके बोथरा, जितेंद्र जैन, मनोज सुराना आदि थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।