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    चाचा जी! संदीप को समझा दीजिए, नहीं तो जान दे दूंगी

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 22 Feb 2020 10:55 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : पुलिस की विवेचना में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ऑडियो की पुष्टि ...और पढ़ें

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    चाचा जी! संदीप को समझा दीजिए, नहीं तो जान दे दूंगी

    जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : पुलिस की विवेचना में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ऑडियो की पुष्टि हो गई है। चहुंओर से थक-हार कर पीड़िता बड़े ही शालीनता से विधायक रवींद्रनाथ त्रिपाठी से कह रही है कि चाचा संदीप को समझा दीजिए, नहीं तो उनके नाम पर जान दे दूंगी। गजेंदर चाचा आपको कुछ बताए होंगे लेकिन विधायक मामले में अनभिज्ञता जता रहे हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि मामले को उसी समय गंभीरता से लिया गया होता तो राजनीतिक क्षति को रोका जा सकता था। छह साल बाद एसपी के सामने महिला के आने के बाद सियासत में भूचाल आ गया।

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    माननीय के आंगन में सुलग रही चिगारी ज्वाला बन गई तो सियासी दिग्गज के दांव भी सफल हो गए। भदोही विधायक सहित उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे के कई सियासी मायने हैं। कहीं पर निगाहें तो कहीं पर निशाना के तर्ज पर पूरी स्क्रिफ्ट तैयार की गई है। दोष सिद्ध तो अदालत करेगी लेकिन अभी तक आए तथ्यों से यह साबित हो रहा है कि संदीप तिवारी और पीड़ित महिला का संबंध काफी पुराना था। इतने दिन तक वह केवल परिवार के श्रेष्ठजनों के सामने गुहार लगाती रही कि उसे न्याय दिलाया जाए। आरोपित संदीप उससे शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। सियासी दिग्गज तो ऐसे दांव खोजा करते हैं। उनका भी दोष इसलिए नहीं कहा जा सकता है। वर्तमान समय में राजनीति ही दांव-पेंच की हो गई है। सामने आने वाले सियासी घमासान में धूल चटाने के लिए कुछ न कुछ तो कदम उठाना पड़ता है।

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    अपने भी हो गए बेगाने : मुकदमा दर्ज होते ही अपने भी बेगाने हो गए। भाजपा के जिलाध्यक्ष विनय श्रीवास्तव और औराई विधायक दीनानाथ भाष्कर ने भले ही एकजुटता दिखाई थी लेकिन मुकदमा दर्ज होते ही सभी ने चुप्पी साध ली। हालांकि विधायक भदोही लगातार इसे साजिश करार देते रहे। दोष साबित होने पर फांसी पर लटकने तक का दावा कर दिए थे। उन्हें पुलिस की जांच पर पूरा भरोसा था। प्राथमिकी दर्ज होते ही समर्थक दल भी हिल गए थे कि आखिर अब क्या होगा। पुलिस से क्लीन चिट मिलने के बाद उनके चेहरे खिल उठे हैं। उनका कहना है कि सत्य की जीत होती है।

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    विधायक के पुत्र ने दी थी गालियां

    विधायक के पुत्र नीतिश तिवारी ने पीड़िता को गाली दी थी। उनका ऑडियो भी वायरल हुआ था। पुलिस ने उन्हें भी आरोपी बनाते हुए धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। इसके अलावा परिवार के किसी के भी ऑडियो में अपशब्द नहीं मिला है। पुलिस का कहना है कि ऑडियो में इस बात की कहीं पर भी पुष्टि नहीं हो रही है कि विधायक भी दुष्कर्म की घटना में शामिल थे। वह इसलिए कि पीड़िता की ओर से वायरल ऑडियो में वह खुद विधायक को चाचा कह रही है।