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    पतिव्रता स्त्री के मन में परपुरुष स्वप्न में भी नहीं आता

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 05 Oct 2018 06:04 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, भदोही : नगर के मर्यादपट्टी स्थित मैदान में चल रही रामलीला की आठवीं निशा में शुक्रवा ...और पढ़ें

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    पतिव्रता स्त्री के मन में परपुरुष स्वप्न में भी नहीं आता

    जागरण संवाददाता, भदोही : नगर के मर्यादपट्टी स्थित मैदान में चल रही रामलीला की आठवीं निशा में शुक्रवार की रात अयोध्या के कलाकारों द्वारा सीता अनसुइया मिलन, नासिका छेदन, खरदूषण वध, सीता-हरण, जटायु वध आदि का प्रसंगों को सुंदर ढंग से प्रस्तुत कर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया।

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    कलाकारों द्वारा सीता-अनसुइया मिलन के प्रसंग से शुभारंभ कर विभिन्न प्रसंगों का मंचन सुंदर ढंग से प्रस्तुत कर दर्शकों को आधी रात तक रोके रखा। चित्रकूट में रहते रहते प्रभु राम ने सीता से कहा कि यहां सब मुझे जान गये हैं भीड़ अधिक हो रही है। प्रभु राम वहां से अत्रि मुनि के आश्रम गए जहां उनका खूब आदर सत्कार किया गया। वहीं उनकी पत्नी अनसुइया माता सीता से मिल कर प्रसन्न हुईं। इतना ही नहीं उन्हें आशीष देते हुए अपने पास बैठा लिया और दिव्य आभूषण व वस्त्र पहनाए जो नित्य नए और सुहावने बने रहते हैं। ऋषि पत्नी अनसुइया ने मधुर वाणी से स्त्रियों के धर्म के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा की धैर्य, धर्म, मित्र व स्त्री इन चारों को विपत्ति की समय ही परीक्षा होती है। कहा कि संसार में चार प्रकार के पतिव्रताएं होती हैं। उत्तम श्रेणी की पतिव्रता के मन में ऐसा भाव बना रहता है कि जगत में उनके पति के अलावा दूसरा पुरुष स्वप्न में भी नहीं आता। इसी तरह मध्यम श्रेणी, निम्न श्रेणी, व अक्षम श्रेणी आदि के बारे में बताया इसके बाद प्रभु राम सीता व लक्ष्मण के साथ वन की ओर चल देते हैं। कलाकारों द्वारा सीता हरण, सूर्पणखा का लक्ष्मण द्वारा नाक कान काटना, खरदूषण वध व जटायु वध का मंचन सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया। इस मौके पर पालिकाध्यक्ष अशोक जायसवाल, शिवशंकर यादव, ओम ¨सह,गिरधारी जायसवाल, सतीश गुप्ता, कुनाल गुप्ता आदि थे।