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    लाखों खर्च, चहुंओर गंदगी बनी स्वच्छता की पहचान

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 30 Nov 2021 05:44 PM (IST)

    जागरण संवाददाता खमरिया (भदोही) नगर पंचायत खमरिया में प्रति वर्ष सफाई व्यवस्था के नाम पर ला

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    लाखों खर्च, चहुंओर गंदगी बनी स्वच्छता की पहचान

    जागरण संवाददाता, खमरिया (भदोही) : नगर पंचायत खमरिया में प्रति वर्ष सफाई व्यवस्था के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर दिया जा रहा है। सफाई व्यवस्था व संसाधन पर यह धनराशि पानी की तरह बहाया जा रहा है लेकिन स्वच्छता के नाम पर बजबजाती नालियां, सड़कों पर बिखरी गंदगी व कूड़े करकट से पटते तालाब ही पहचान बनी है। कचरा तो साफ नहीं हुआ, हां रुपये जरूर साफ कर दिये गये। स्थिति यह है कि कहीं सड़क के किनारे तो कहीं खाली पड़े प्लाटों में कहीं तालाब में ही गंदगी को ठिकाने लगाया जा रहा है। इससे तालाबों का अस्तित्व भी संकट में पड़ता जा रहा है।

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    जिस तरह किसी परिवार के रहन सहन का अंदाजा घर की साफ-सफाई को देखकर लगाया जाता है। ठीक उसी तरह शहर की स्वच्छता वहां के नागरिकों की पहचान बनती है। जनपद को स्वच्छता सर्वेक्षण में इस स्थिति में पहुंचाने के लिए जितना दोष हम नगर प्रशासन को देते हैं, उससे कम जिम्मेदारी नागरिकों की भी नहीं तय होती। हम सफाई व्यवस्था में मनमानी का दोष तो नगरीय प्रशासन व सफाई कर्मियों पर तो मढ़ते हैं लेकिन कूड़े को कहां व कैसे रखा जाय, सफाई कर्मियों का कैसे सहयोग हो, नगर स्वच्छ कैसे रहे इसे लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जाती। जहां चाहा, जैसे चाहा कूड़ा फेंक दिया। यहां तक की घर, मकानों के छतों से पालीथिन में भरकर कूड़े को सड़क पर फेंक दिया जाता है। जबकि स्वच्छता लाने के लिए ²ढ़ इच्छा शक्ति व संकल्प की जरूरत है। इसके लिए अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के आम नागरिकों को भी आगे आना होगा।

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    क्या बोली जनता

    - स्वच्छता मिशन को लेकर सरकार गंभीर है। धन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके बाद भी नगर की नियमित साफ-सफाई की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मैं संकल्प लेता हूं कि सफाई के प्रति गंभीर रहूंगा। खुद सफाई संग औरों को भी इसके लिए प्रेरित करूंगा।

    चित्र 12-- अटल भारद्वाज, समाजसेवी

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    - गंगा घाटों, धार्मिक व सार्वजनिक स्थल पर सफाई अभियान चलाया जाता है। अब वह नगर में भी लोगों को जागरुक करने के लिए श्रमदान के जरिए अभियान चलाकर लोगों को जागरुक करने का काम करेंगे।

    चित्र 13-- वीरेंद्र पांडेय, अध्यक्ष, संस्था : बस एक प्रयास।

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    - नगर की सफाई व्यवस्था के लिए प्लान बनाकर सफाई व्यवस्था करनी होगी। इसके साथ ही नगर के सड़क, गलियों की नियमित सफाई व कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था होनी चाहिए। मैं अपने मोहल्ले को साफ-सुथरा रखने के लिए लोगों को जागरुक करने का संकल्प लेता हूं।

    चित्र 14-- आफताब आलम, नागरिक

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    - नगर पंचायत में नियमित तौर पर सफाई का कार्य नहीं किया जाता। इससे चहुंओर गंदगी फैली रहती है। मैं संकल्प लेता हूं की दुकान और घर से निकलने वाले गंदगी को कूड़ा गाड़ी आने पर ही बाहर निकालूंगा। और लोगों के भी इसके लिए प्रेरित करूंगा।

    चित्र 15-- गुड्डू गुप्ता, व्यापारी