भागवत कथा के श्रवण से होती है मोक्ष की प्राप्ति
श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन शनिवार को कथा व्यास अनादि जी महाराज ने कहा कि जिस प्रकार पृथ्वीलोक पर बार-बार परमात्मा का अतवरण होता है उनकी लीलाएं होती है और गुणगान करते हुए कर्मधर्म के साथ ही महायज्ञ होते हैं।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन शनिवार को कथा व्यास अनादि जी महाराज ने कहा कि पृथ्वी लोक पर बार-बार परमात्मा का अतवरण होता है, उनकी लीलाएं होती है और गुणगान करते हुए कर्मधर्म के साथ ही महायज्ञ होते हैं। ऐसे में परमात्मा स्वयं यहां पर जन्म लेते हैं। वे जीव के प्रेम उसकी करुण पुकार को जरूर सुनता है।
भागवत महात्म्य सुनाते हुए कहा कि जब भी परमात्मा का गुणानुवाद इस पृथ्वी पर होता है या परमात्मा स्वयं आकर यहां पर तरह-तरह की लीलाएं करते हैं तो देवतागण भी पृथ्वी पर जन्म लेने के लिए लालायित रहते हैं। भागवत पुराण कथा को श्रवण करने वाले भक्त निश्चित रूप से मोक्ष को प्राप्त कर लेते हैं। जिस प्रकार राजा परीक्षित श्राप से मुक्त हो गए, अनेकानेक राक्षस और पापी भी उस परमात्मा की कृपा से मुक्ति पा गए ऐसे सभी पुराणों और ग्रंथों में महापुराण की संज्ञा पाने वाला श्रीमद्भागवत पुराण है। जिसकी कथाओं का श्रवण करने के लिए इतने बड़े-बड़े आयोजन किए जाते हैं। भक्तों के मन की वांछित कल्पनाओं से परे हटकर पुण्य फल प्रदान करने वाला यह महात्म्य होता है। वास्तव में श्रोता ही भागवत कथा के प्राण हैं। जिसके कल्याण के लिए इस प्रकार के अनुष्ठान किए जाते हैं।
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