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    कंपनी नहीं दे रही थी पति का बीमा क्लेम, उपभोक्ता आयोग के पास पहुंचा मामला तो नॉमिनी को मिले 16 लाख रुपये

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 04:53 PM (IST)

    एक बीमा कंपनी द्वारा पति के बीमा क्लेम का भुगतान नहीं करने पर मामला उपभोक्ता आयोग में पहुंचा। आयोग ने मामले की सुनवाई करते हुए नॉमिनी को 16 लाख रुपये ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, भदोही। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की अदालत ने सड़क हादसे में मृत बलीपुर, जंगीगंज निवासी सुशील कुमार मिश्र की नामिनी पत्नी श्यामा देवी को दुर्घटना बीमा की धनराशि 16.08 लाख रुपये का चेक बुधवार को सौंपा गया।

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    श्यामा देवी ने 12 सितंबर 2024 को टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड शाखा सिगरा, वाराणसी के खिलाफ आयोग की अदालत में वाद दाखिल किया गया था। पीड़िता के अधिवक्ता सत्यप्रकाश पांडेय ने दलील दी कि बाइक सवार वाहन स्वामी की दुर्घटना में मृत्यु होने के बावजूद बीमा कंपनी की ओर से मृतक की नामिनी पत्नी को बीमा का भुगतान नहीं किया।

    वाद में अनिवार्य दुर्घटना बीमा की धनराशि 15 लाख रुपये, 16 जून 2024 से ब्याज, मानसिक एवं शारीरिक कष्ट के लिए दो लाख व मुकदमा खर्च के रूप में 50 हजार रुपये दिलाने की मांग की गई। विपक्षी बीमा कंपनी को नोटिस जारी होने पर जवाब दाखिल किया गया।

    दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश संजय कुमार डे एवं सदस्य विजय बहादुर सिंह की पीठ ने वाद को स्वीकार करते हुए टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिया कि वह दो माह के भीतर 15 लाख रुपये की बीमा धनराशि, वाद दाखिल करने की तिथि 12 सितंबर 2024 से आदेश की तिथि तक छह प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज सहित व पांच हजार रुपये मुकदमा खर्च अदा करे।

    आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि निर्धारित अवधि में भुगतान नहीं किया गया, तो समस्त धनराशि पर नौ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज देय होगा।

    आदेश के बाद बीमा कंपनी के शाखा प्रबंधक की ओर से उनके पैनल अधिवक्ता अवधेश कुमार मिश्र द्वारा 16,08,068 रुपये का चेक जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग भदोही में जमा किया। उसे गुरुवार को आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों ने मृतक की पत्नी श्यामा देवी को सौंपकर मामले का निस्तारण किया।