फर्जी अभिलेख लगाकर बदमाशों की लेते थे जमानत, पांच गिरफ्तार; अपर पुलिस अधीक्षक ने गैंग का किया राजफाश
भदोही में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो शातिर अपराधियों को फर्जी दस्तावेज लगाकर जमानत दिलवाता था। पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दो अभी भी फरार हैं। यह गिरोह अपराधियों से मोटी रकम लेकर जमानत करवाता था जिससे जमानत पर छूटने के बाद वे फिर से अपराध में लिप्त हो जाते थे।

जागरण संवाददाता, भदोही। शातिर बदमाशों की जमानत फर्जी अभिलेख लगाकर करते थे। वही अपराधी जमानत पर छूटकर फिर अपराध में लिप्त हो जाते। पुलिस के लिए सिरदर्द बने ऐसी अपराधियों की जमानत लेने वालों की पुलिस ने जांच की तो एक गैंग सामने आया।
यह गैंग लूट, गैंग्सटर, डकैती, पशु तस्करी, चोरी, व आबकारी अधिनियम में पकड़े गए बड़े बदमाशों से मोटी रकम लेकर फर्जी दस्तावेज लगाकर उनकी जमानत ले लेता था।
पुलिस ने गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि दो बदमाश फरार चल रहे हैं। शुक्रवार को अपर पुलिस अधीक्षक शुभम अग्रवाल ने गैंग का राजफाश करते हुए पकड़े गए शातिरों को मीडिया के समक्ष पेश किया।
बताया कि नथईपुर निवासी राजपति, दानुपुर मतेथू निवासी नन्हेलाल, तिनबरवां निवासी गोल्हई बिंद, नंदापुर निवासी मेवालाल, भिदिउरा गांव निवासी माधव सरोज गिरफ्तार किए गए हैं। शिव मंदिर, राउरकेला ओड़िसा निवासी आशुतोष कुमार झा व मुस्लिम बस्ती चकुलिया जमशेदपुर झारखंड निवासी इराकी शिवान की तलाश की जा रही है।
बताया, यह लोग गंभीर मामलों में न्यायिक अभिरक्षा में निरुद्ध शातिर बदमाशों से सांठगांठ कर फर्जी अभिलेखों के आधार पर जमानत दिलाते रहे हैं। यह कर्मचारियों से मिलकर अनुचित तरीके से अपराधियों को जमानत दिलाते हैं। न्यायालय को गुमराह कर पूर्व में ली गई जमानतों का यह कोई उल्लेख जमानत लेते समय नहीं करते हैं।
बताया कि कूट रचित दस्तावेज का प्रयोग करते हैं, षड्यंत्र के तहत जमानत लेते हैं। इससे बदमाश पुन: अपराध में सक्रिय हो जाते हैं। जांच के दौरान पता चला कि यह एक संगठित गिरोह है। पुलिस ने उक्त मामले में छह नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

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