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    गोवंश के गोबर से तैयार की इको फ्रेंडली अगरबत्ती

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 27 Oct 2021 04:29 PM (IST)

    - मुहम्मद इब्राहिम ज्ञानपुर भदोही ----------------- - मुंबई महाराष्ट्र स्थित एलएंडटी कंपनी

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    गोवंश के गोबर से तैयार की इको फ्रेंडली अगरबत्ती

    - मुहम्मद इब्राहिम, ज्ञानपुर, भदोही

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    - मुंबई, महाराष्ट्र स्थित एलएंडटी कंपनी में इंजीनियर थे। मन नहीं लग रहा था। व्यवसाय कर खुद को स्वरोजगार से जोड़ने तो अन्य जरूरतमंदों को भी रोजगार देने की मंशा थी। वर्ष 2017 में नौकरी छोड़ दी। गांव लौट आए और 45 हजार रुपये की लागत लगाकर कपूर बनाने का धंधा शुरू कर दिया। इसके बाद भी कुछ अलग करने का प्रयास जारी रहा तो गोवंश के गोबर से इको फ्रेंडली अगरबत्ती तैयार कर सुगंध बिखेर दी। इतना ही नहीं खुद के लिए जहां एक अच्छा-खासा स्वरोजगार ढूंढ लिया तो 90 महिलाओं को भी जोड़कर रोजगार देने का काम कर रहे हैं। जिले के अजयपुर गांव निवासी विनय उपाध्याय के इस नायाब हुनर को पहचान कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सम्मान करने में देर नहीं लगाई। प्रशस्ति पत्र देकर उनके इस प्रयास की प्रशंसा की।

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    कैसे शुरू किया काम

    - कपूर के निर्माण के साथ गोबर पर भी रिसर्च कर रहे थे। पांच अगस्त 2019 को अगरबत्ती बनाने का काम शुरू किया। कोयले के बुरादे से तैयार हो रही अगरबत्ती के पर्यावरण व सेहत के लिए नुकसान को देखते हुए गोवंश के गोबर पाउडर से तैयार कर अगरबत्ती बनाने का प्रयोग किया। हालांकि शुरुआती दौर में वह जल नहीं रही थी। कोरोना संक्रमण को लेकर लगे लाकडाउन के दौर में बायो रिसर्च सेंटर सिगबेबपुर, प्रयागराज में संपर्क किया। वहां डा. बीएन पांडेय के सामने अपने प्रयास को रखा। उनके द्वारा बताई गई तकनीक से अगरबत्तियां जलने लगी तो फिर व्यवसाय को पंख लग गए।

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    276 मशीनों के जरिए 90 महिलाओं को रोजगार से जोड़ा

    - प्रगति उद्योग के जरिए अगरबत्ती बनाने की 276 मशीनें वह स्थापित कर चुके हैं. इसके जरिए 90 महिलाओं को जोड़कर रोजगार भी दे रहे हैं। बताया कि प्रतिमाह पांच से छह हजार रुपये तक महिलाएं आसानी से कमा ले रही हैं।

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    क्या है गोबर की अगरबत्ती का फायदा

    - विनय उपाध्याय ने बताया कि कोयले के बुरादे से तैयार अगरबत्ती में महक ज्यादा होती है, लेकिन कोयले का धुआं सेहत व पर्यावरण दोनों के लिए नुकसानदेह होता है। जबकि गोबर के पाउडर से तैयार अगरबत्ती की महक कम भले है लेकि सोंधी व मीठी लगती है। इससे निकलने वाला धुआं भी सेहत पर कोई प्रभाव नहीं डालता। पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह नहीं है।

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    क्या-क्या करते हैं प्रयोग

    -अगरबत्ती बनाने में गोबर के पाउडर के साथ कपूर, आम की लकड़ी का बुरादा, ग्वारगम का प्रयोग करते हैं। बताया कि गोबर गोवंश आश्रय स्थलों से मंगाते हैं। वहीं से पर्याप्त मात्रा में पूर्ति न होने पर गांवों से उपली खरीदकर उसका पाउडर तैयार करते हैं।

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    सीएम ने किया सम्मान

    - गोवंश के गोबर से तैयार हो रही अगरबत्ती के कार्य पर गत दिवस जिले में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित व प्रोत्साहित किया। कहा कि उनके प्रयास को मिला यह सम्मान सुखद अनुभूति है।