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    UP News: फर्जी म्यूचुअल बेनिफिट कंपनी ने खाताधारकों के ठगे 9.29 करोड़, 15 पर मुकदमा

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 04:40 PM (IST)

    भदोही में वेरी वेल म्यूचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड नामक एक कंपनी 9.29 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गई। कंपनी ने पांच साल में पैसा दोगुना करने का लालच देकर लोगों से फिक्स्ड डिपॉजिट और रिकरिंग डिपॉजिट कराए थे। शिकायत मिलने पर पुलिस ने जांच की और 15 निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया। जांच में पता चला कि कंपनी ने ठगी के पैसे से कई स्थानों पर जमीन खरीदी।

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    फर्जी म्यूचुअल बेनिफिट कंपनी ने खाताधारकों के ठगे 9.29 करोड़, 15 पर मुकदमा

    जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : वेरी वेल म्यूचुअल बेनिफिट निधि लि. पटेल नगर, ज्ञानपुर दर्जनों खाताधारकों का 9.29 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गई।

    29 जून को खाताधारकों ने इसकी शिकायत की थी, पुलिस जांच में कंपनी फर्जी मिली तो एसपी अभिमन्यु मांगलिक के निर्देश पर कंपनी के 15 निदेशकों पर वित्तीय धोखाधड़ी, गबन का मुकदमा सदर काेतवाली में दर्ज कराया गया।

    एसपी ने कहा कि 30 लोगों ने इसकी शिकायत की थी इसमें 9.29 करोड़ लेकर फरार होने की बात सामने आई है। कंपनी लोगों को पांच साल में दुगुना धन करने का सब्जबाग दिखाकर फिक्स डिपाजिट (एफडी), रिकरिंग डिपाजिट (आरडी) कराती थी।

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    जांच में ठगी के शिकार और धनराशि और भी बढ़ सकती है। आरोपित ज्ञानपुर, गोपीगंज व सुरियावां के हैं, इनकी की गिरफ्तारी को तन सदस्यीय टीम गठित कर दी है।

    शिकायतकर्ता राजेश कुमार मौर्य, महेंद्र गौंड, विजय बिंद आदि ने एसपी को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि कंपनी ने निवेशकों का रुपया ठग लिया और फरार हो गई। एसपी ने क्राइम ब्रांच से मामले की जांच कराई तो सच्चाई सामने आई।

    पुलिस जांच में सामने आया कि कंपनी प्रमुख कृपा शंकर की मृत्यु होने के बाद उनकी पत्नी आशा देवी, बेटे रवि आनंद, अक्षय, सूरज और अमन व अन्य निदेशक सुहैल अहमद, आनंद श्रीवास्तव, दया शंकर, विमलेश मौर्य, रमेश मौर्य, वेद प्रकाश, राकेश वर्मा, सूबेदार पाल और सुरेश यादव ने कंपनी के ज्ञानपुर कार्यालय में एफडी, आरडी व अन्य योजनाओं पैसा दोगुना करने का लालच देकर लोगों का पैसा जमा कराया।

    25 जून को जिसकी एफडी व आरडी पूरी हो चुकी थी, वह पैसा निकालने गए तो कंपनी के कार्यालय का ताला बंद था। पुलिस जांच में सामने आया कि कंपनी का कोई बैंक खाता भी नहीं है। कार्यालय में जिन लोगों का पैसा जमा होता था, उसे अपने यहां ही रखा जाता था। इसके निदेशकों ने माइक्रो क्रेडिट फ़ाउंडेशन के नाम से इंडियन बैंक ज्ञानपुर शाखा में खाता खोला जरूर था, लेकिन उसमें मात्र 80 हजार रुपये थे।

    आरोपित यहां के हैं निवासी

    मृतक कृपाशंकर के साथ इनकी पत्नी आशा देवी, पुत्र रवि आनंद, सूरज, अक्षय, अमन निवासी भोपटपट्टी, गोपीगंज, शिवरामपुर, ज्ञानपुर निवासी दयाशंकर कसिदहां, गोपीगंज निवासी रमेश कुमार मौर्य, देवाजितपुर, ज्ञानपुर निवासी वेदप्रकाश प्रजापति, पाली, सुरियावां निवासी राकेश कुमार वर्मा, बीरापट्टी, ज्ञानपुर निवासी विमलेश कुमार वर्मा, फौदीपुर ज्ञानपुर निवासी सुरेश प्रकाश यादव, गोधना ऊंज निवासी सुहेल अहमद, महजूदा, सुरियावां निवासी आनंद कुमार श्रीवास्तव, भगवास, ज्ञानपुर निवासी सूबेदार पाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

    जमीन खरीद में किया गया इन्वेस्टमेंट

    कंपनी जिन लोगों का रुपया ठगकर फरार हुई, उस पैसे से उसने जमीन खरीदी। ज्ञानपुर, गोपीगंज, वाराणसी, प्रयागराज समेत कई स्थानों पर जमीन खरीदने की बात सामने आ रही है। हालांकि यह जांच का विषय है और इसमें पुलिस जांच भी कर रही है।

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