भदोही के अब्दुल रहीम ने पेश की अनोखी मिसाल, रामलीला के लिए दान कर दी पैतृक जमीन
अब्दुल रहीम सिद्दीकी ने सांप्रदायिक सद्भाव का उदाहरण पेश करते हुए गोपीगंज क्षेत्र के बड़ागांव में रामलीला आयोजन के लिए अपनी पैतृक जमीन का हिस्स ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, भदोही। जनपद के अब्दुल रहीम सिद्दीकी ने सांप्रदायिक सद्भाव का अनोखा उदाहरण पेश किया है। गोपीगंज क्षेत्र के बड़ागांव निवासी 65 वर्षीय अब्दुल रहीम ने गांव में रामलीला के आयोजन के लिए अपनी पैतृक जमीन का एक हिस्सा दान कर दिया है। उन्होंने शुक्रवार को दो बिस्वा जमीन आदर्श रामलीला समिति को दान दी है।
गांव में दशकों से रामलीला का आयोजन हो रहा है, लेकिन रामलीला समिति के पास अपना कोई आयोजन स्थल नहीं था।पेशे से दर्जी अब्दुल रहीम के तीन बेटे, तीन बेटियां हैं। सभी बेटे उनके साथ ही रहते हैं और काम में हाथ बंटाते हैं। अब्दुल रहीम ने स्वयं रामलीला में कई भूमिकाएं निभाई हैं और पिछले कुछ वर्षों से आयोजन में सहायता कर रहे है।
पूर्व प्रधान ने क्या बताया?
गांव के पूर्व प्रधान राधेश्याम मिश्रा ने बताया कि गांव में 94 वर्षों से रामलीला का आयोजन हो रहा है। हालांकि कोई स्थायी आयोजन स्थल नहीं था। सिद्दीकी ने अपनी पैतृक जमीन दान कर इस समस्या का स्थायी समाधान कर दिया है। सिद्दीकी ने बताया कि उन्होंने जमीन दान करने का निर्णय स्वेच्छा से लिया है।
जमीन दान करने की कानूनी औपचारिकताएं जल्द पूरी की जाएंगी। आदर्श रामलीला समिति के सचिव विनय शुक्ला ने बताया कि स्थायी आयोजन स्थल नहीं होने से किरदारों के वस्त्र, आभूषण, शस्त्र वगैरा व मंचन की अन्य सामग्रियां रखने में समस्या आती थी।
अब हमें जमीन मिल गई है तो धार्मिक अनुष्ठान के बाद जल्द निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। इस पर 15 फीट चौड़ा और 30 फीट लंबा स्थायी मंच बनाया जाएगा। साथ ही वस्त्र बदलने, मेकअप व अन्य सामग्री रखने के लिए कमरे बनाएंगे। निर्माण के लिए गांव के लोगों ने लगभग सात लाख रुपये का योगदान दिया है।

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