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    सेवा उद्योग से दूर होगी बेरोजगारी

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    Updated: Tue, 08 May 2012 12:44 AM (IST)

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    ज्ञानपुर (भदोही): रोजगार की छोटी इकाई के जरिए भी बेरोजगारी दूर की जा सकेगी। ग्रामोद्योग विभाग के सेवा उद्योग में ऐसे कई व्यवसाय शामिल हैं, जिनसे न सिर्फ स्वरोजगार हासिल होगा, बल्कि इसके जरिए औरों को भी रोजगार से जोड़ा जा सकेगा।

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    ग्रामोद्योग विभाग के मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत खनिज, वन, कृषि व खाद्य, बहुलक व रसायन उद्योग, इंजीनियरिंग व गैर परम्परागत ऊर्जा आधारित उद्योग के साथ ही वस्त्र उद्योग (खादी को छोड़ कर) शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराता रहा है। इस कड़ी में छोटी इकाइयों के लिए सेवा उद्योग रोजगार मुहैया कराने का सबसे बेहतर जरिया बन चुका है। योजना की धनराशि से शिक्षित बेरोजगार सेवा उद्योग का चयन कर न सिर्फ खुद स्वरोजगार हासिल कर रहे हैं, बल्कि वह अपने जैसे अन्य कई लोगों को भी परोक्ष-अपरोक्ष रूप से भी रोजगार से जोड़ सकते हैं।

    उल्लेखनीय है कि कालीन नगरी में कुटीर उद्योग के रूप में स्थापित कालीन कारोबार पर छाए मंदी के बादल के चलते बड़ी संख्या में लोगों को अन्य रोजगार का जरिया तलाशना पड़ रहा है। इसमें हाईस्कूल व इंटरमीडिएट उ‌र्त्तीण ऐसे भी बेरोजगार शामिल हैं, जिन्होंने कालीन व्यवसाय से किनारा कर अन्य छोटी-मोटी व्यवसायिक इकाइयां स्थापित कर ली है, जिसमें छोटी पूंजी की दरकार है। ऐसे लोगों के लिए सेवा उद्योग किसी वरदान से कम नहीं।

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    सेवा उद्योग में क्या-क्या है शामिल

    सेवा उद्योग में कपड़ों की धुलाई के कार्य से लेकर नलसाजी, बिजली की वायरिंग, घरेलू इलेक्ट्रानिक उपकरणों की मरम्मत, डीजल इंजन, पंप सेट की मरम्मत, टायर बल्किनीकरण, लाउडस्पीकर, ध्वनि प्रसारक माइक आदि ध्वनि प्रणालियों को किराए पर देना। इसके अलावा बैटरी भरना, कलात्मक चित्रकारी, साइकिल मरम्मत की दुकान, राजगिरी, ढाबा (शराब रहित), चाय की दुकान, चिकन इम्ब्रायडरी, बैण्ड मंडली, आयोडिन युक्त नमक शामिल है।

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    ..अभी नहीं मिला लक्ष्य

    जिला ग्रामोद्योग अधिकारी जवाहर लाल के मुताबिक अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ी जाति के साथ ही सामान्य वर्ग की शिक्षित बेरोजगार महिलाओं को मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत जहां बगैर ब्याज का ऋण मुहैया करा ग्रामोद्योग स्थापित करने में मदद की जाती है, वहीं सामान्य वर्ग के पुरुषों को महज चार फीसदी ब्याज पर बैंक से धनराशि मुहैया कराई जाती है। उनके मुताबिक मौजूदा वर्ष का लक्ष्य अभी तक नहीं मिला है।

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