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    5वीं या 8वीं के बाद छात्रों ने छोड़ दी पढ़ाई? UP के इस जिले में डोर-टू-डोर जाएगा शिक्षा विभाग, खुद कराएगा दाखिला

    Updated: Tue, 06 May 2025 03:51 PM (IST)

    प्रशासन 8वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्रों पर नज़र रख रहा है। शिक्षा विभाग उन छात्रों को प्रेरित करेगा जिन्होंने पढ़ाई छोड़ दी है और उन्हें आगे की कक्षाओं में दाखिला दिलाएगा। इसके लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि स्कूल छोड़ने वाले बच्चे आगे पढ़ रहे हैं या नहीं और यदि नहीं तो क्यों।

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    आठवीं पास छात्रों पर प्रशासन की नजर, पढ़ाई छोड़ने वालों का होगा दाखिला। (तस्वीर जागरण)

    जागरण संवाददाता, भदोही। प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के कक्षा पांच व आठवीं पास छात्रों पर भी शासन की नजर है। जिन छात्रों की पढ़ाई आठवीं के बाद बंद हो गई है, उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए शिक्षा विभाग प्रेरित करेगा।

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    इसके लिए डोर-टू-डोर भ्रमण कर विभाग यह पता लगा रहा कि स्कूल छोड़ने वाले बच्चे किस संस्थान में प्रवेश ले रहे हैं। यदि आगे पढ़ाई नहीं कर रहे हैं तो क्यों। जो बच्चे किसी कारणवश पढ़ाई नहीं कर रहे हैं, उनके अभिभावकों को प्रेरित कर बच्चों का नामांकन आगे की कक्षाओं में करवाया जाएगा।

    बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाएगा

    प्रत्येक बच्चों को चाहे वह संभ्रांत परिवार से हों या फिर गरीब, सभी को शिक्षित करने की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग की है। प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्तर की कक्षाओं में निश्शुल्क शिक्षा दी जा रही है वहीं बच्चों के लिए शासन स्तर से किताब, बैग, जूता-मोजा, यूनिफार्म से लेकर दोपहर भोजन तक की व्यवस्था है।

    हालांकि इसके बाद भी तमाम बच्चे कक्षा पांच व आठ पास करने के बाद शिक्षा छोड़ देते हैं। तमाम बच्चे पढ़ाई की उम्र में ही काम करने में लगते हैं। ऐसे में जिले के प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक व कंपोजिट 885 विद्यालयों से कक्षा पांच व आठ में उत्तीर्ण होने वाले बच्चों ने किस विद्यालय में प्रवेश लिया। वह पढ़ाई कर रहे हैं कि नहीं। यह पता लगा लगाया जा रहा है।

    डोर-टू-डोर जाएगा शिक्षा विभाग

    जिला बेसिक शिक्षाधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी की ओर से निर्देश जारी किया गया है कि डोर-टू-डोर पता किया जाए कि बच्चों का प्रवेश कहां और किस विद्यालय में कराया गया है। यदि बच्चों का नामांकन नहीं हुआ तो क्यों।

    यदि बच्चों का नामांकन आगे कक्षा में नहीं हुआ हो तो शिक्षक उनके माता-पिता को प्रेरित कर नामांकन आगे की कक्षा में सुनिश्चित करवाया जाय। सर्वे का पूरा डाटा भी तैयार किया जा रहा है। इसके लिए सभी खंड शिक्षाधिकारी व प्रधानाध्यापकों को लगाया गया है।

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