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    भेंड़-बकरियों में बढ़ा निमोनिया का खतरा

    By Edited By:
    Updated: Mon, 07 Nov 2011 07:31 PM (IST)

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    ज्ञानपुर (भदोही) : शीत ऋतु के आगमन के साथ ही ठंड की दस्तक हो चुकी है, तो दिन ब दिन ठंड में इजाफा भी होता जा रहा है। ऐसे में लोगबाग ठंड से बचाव के उपाय भी करने शुरू कर दिये हैं। मानव समाज के लिए हो रहे उपायों के बीच पशुपालकों को अपने पशुओं की देखभाल करने की विशेष आवश्यकता है। खासकर भेड़-बकरियों व नवजात बच्चों की देखभाल में की गयी लापरवाही उनके लिए घातक होगी। भेंड़-बकरियां निमोनिया तो नवजात बच्चे मौसमी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।

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    उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (प्रभारी चिकित्साधिकारी) जंगीगंज डॉ. वीके सचान ने भेड़-बकरियों के देखभाल व ठंड से होने वाली बीमारियों की जानकारी देते हुए बताया कि भेंड़-बकरियों में निमोनिया की संभावना बढ़ जाती है। लक्षण के बारे में बताया कि नाक बहने के साथ वह हांफना शुरू कर देती हैं, साथ ही खांसी भी आना शुरू हो जाता है। बताया कि समय से उपचार न मिला तो उनकी मौत भी हो सकती है। इसी तरह उन्होंने नवजात मवेशियों के पेट में कीड़े पड़ने की संभावना जाहिर करते हुए उन्हें कृमिनाशक दवाएं खिलाने की सलाह दी।

    कैसे करें प्रबंधन

    मवेशियों को ठंड से बचाव के लिए देखभाल व प्रबंधन की जानकारी देते हुए प्रभारी चिकित्साधिकारी जंगीगंज डॉ.वीके सचान ने बताया कि पशुशाला को छायादार स्थानों पर बनाया जाना चाहिए। बताया कि पशुशाला को चारों तरफ से बंद रखना चाहिए, जिससे उसके अंदर ठंडी हवा न पहुंच सके। उन्होंने पशुशाला को हमेशा सूखा रखने व साफ-सफाई करते रहने की सलाह दी।

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