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    तहसीलों में जमे 120 से अधिक लेखपालों का बदलेगा क्षेत्र

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 08 Aug 2021 04:43 PM (IST)

    भदोही तहसील क्षेत्र के मूसीलाटपुर के लेखपाल तीन साल से अधिक समय से एक ही क्षे˜

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    तहसीलों में जमे 120 से अधिक लेखपालों का बदलेगा क्षेत्र

    जासं, भदोही : भदोही तहसील क्षेत्र के मूसीलाटपुर के लेखपाल तीन साल से अधिक समय से एक ही क्षेत्र में जमे हैं। गांव में आयोजित चौपाल में प्रमुख सचिव से ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज कराई लेकिन सत्ता तक पहुंच रखने वाले इस राजस्व कर्मी के खिलाफ अधिकारी ने कारवाई करने की जहमत नहीं उठाई। यह तो एक बानगी भर है, इसके अलावा जिले में 120 से अधिक ऐसे लेखपाल हैं जो कई सालों से एक ही क्षेत्र में जमे हैं। शासन ने ऐसे लोगों की रिपोर्ट मंडलायुक्त से तलब की है। सख्त रवैये को देख उप जिलाधिकारी भी ऐसे लोगों की सूची तैयार करने लगे हैं। अकेले भदोही तहसील में 33 लेखपालों का कार्य क्षेत्र बदल दिया जाएगा। यही नहीं तीन ऐसे ऐसे लोग हैं जिन्हें तहसील से ही विदा लेनी होगी।

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    राजस्व संबंधी विवाद के बढ़ते मामलों व लेखपालों की मनमानी की शिकायतों को देखते हुए एक तहसील व एक ही क्षेत्र में लंबे समय से कार्यरत लेखपालों को लेकर शासन ने पहले ही नाराजगी जताई थी। शासन की मंशा के मद्देनजर राजस्व परिषद ने इसे गंभीरता से लेते हुए ऐसे लेखपालों के बारे में रिपोर्ट तलब की है। एसडीएम आशीष मिश्रा ने बताया कि भदोही तहसील में लेखपालों के 125 पद हैं, जबकि तैनाती महज 86 लेखपालों की है। इनमें से तीन लेखपाल 10 साल से अधिक समय से एक ही तहसील में तैनात हैं, जबकि 33 लेखपाल ऐसे हैं जो तीन साल से अधिक समय से एक ही क्षेत्र में कार्यरत हैं। बताया कि ऐसे लेखपालों का कार्यक्षेत्र बदला जाएगा। इसके अलावा तीन लेखपालों का दूसरी तहसील में तबादला किया जाएगा। बताया कि सूची तैयार कराई जा रही है। जल्द ही इसकी सूची जिलाधिकारी को प्रेषित की जाएगी। जरा कलेक्ट्रेट पर भी पड़ जाए शासन की नजर

    दीपक तले अंधेरा की कहावत कलेक्ट्रेट पर सटीक बैठ रही है। तीन साल से अधिक एक क्षेत्र में जमे लेखपालों को हटाने के लिए शासन सख्त हो गया लेकिन कलेक्ट्रेट में 15 साल से जमे लिपिक पर किसी उच्चाधिकारी की नजर नहीं पड़ रही है। सवाल यह है कि जिलाधिकारी दूसरे विभाग की समीक्षा तो करती हैं लेकिन कलेक्ट्रेट में ऐसे लोगों पर उनकी नजर नहीं पड़ रही है। कर्मचारियों का कहना है कि कानून सबके लिए एक बराबर होनी चाहिए।