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    अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले में पहुंचे 233 आयातक, 150 करोड़ रुपये के कारोबार से निर्यातकों की बल्ले-बल्ले

    अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले के दूसरे दिन रविवार को निर्यातकों की बल्ले-बल्ले रही। ब्राजील ओर अमेरिका के आयातकों की संख्या 90 रही इसके अलावा मोरेक्को स्वीडन वेल्जियम जर्मनी लेबनान फ्रांस समेत 42 देशों के 233 ग्राहकों ने मार्ट में सजी 240 दुकानों का अवलोकन किया।

    By ravindra nath pandeyEdited By: Anurag SinghUpdated: Sun, 16 Oct 2022 11:41 PM (IST)
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    भदोही: ग्राउंड फ्लोर के एक स्टाल पर कालीनों को उलट पलट कर देखते आयातक।

    भदोही, जागरण संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले के दूसरे दिन रविवार को निर्यातकों की बल्ले-बल्ले रही। ब्राजील ओर अमेरिका के आयातकों की संख्या 90 रही, इसके अलावा मोरेक्को, स्वीडन, वेल्जियम, जर्मनी, लेबनान, फ्रांस समेत 42 देशों के 233 ग्राहकों ने मार्ट में सजी 240 दुकानों का अवलोकन किया। सीईपीसी के प्रशासनिक सदस्य असलम महबूब का दावा है कि दूसरे दिन 150 करोड़ कारोबार हुआ। स्टालों पर दिन भर ग्राहकों का तांता लगे रहने से निर्यातक गदगद हैं।

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    यह मेला अब तक सबसे सफल कालीन मेला माना जा रहा है। यहां लगे फैंसी व कलात्मक डिजाइन के गलीचे आकर्षण का केंद्र रहे। बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने मेले में भागीदारी कर आयोजकों व भागीदारी करने वाले निर्यातकों का उत्साहवर्धन किया। कहा भदोही में सीईपीसी द्वारा की गई शानदार पहल भविष्य में मील का पत्थर साबित होगी। यह मार्ट व्यापारियों के लिए एक बड़े मंच का कार्य करेगा। अब पूर्वांचल का एक्सपो इसी मार्ट में होना चाहिए।

    उधर सीईपीसी चेयरमैन उमर हमीद ने कहा डोमोटेक्स का आयोजन सिर्फ जर्मनी, चीन, दुबई व टर्की में नहीं बल्कि इंडिया में कराया जा सकता है। अन्य देशों से बेहतर आयोजन देश के व्यापारी इंडिया में करने की क्षमता रखते हैं। इसके लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं बल्कि इंटरनेशनल सुविधाओं से लैस मेगा मार्ट में इसे कराया जा सकता है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही इंडिया डोमोटेक्स का आयोजन भदोही में ही होगा। शाम तक 200 से अधिक आयातकों की भागीदारी पर मेले को सफल मान लिया गया।

    दो दिन मिलाकर तीन सौ आयातक आ चुके हैं। मेले में भागीदारी करने वाले शत प्रतिशत निर्यातकों ने अब तक की प्रगति पर संतोष जताया है। कुछ स्टालों पर आयातकों का तांता लगा रहा। सुबह 10 बजे से ही आयातकों का आगमन शुरू हो गया था। दोपहर 12 बजे तक आयातकों की संख्या कम रही। हालांकि इसके बाद तांता लगा तो शाम चार बजे तक दो सौ से अधिक आयातकों की इंट्री दर्ज हो चुकी थी।

    प्राकृतिक रंगों से तैयार कालीनों को पसंद कर रहे ग्राहक

    बदलते परिवेश में एक तरफ जहां सस्ते व फैंसी कालीन उत्पादों का प्रचलन बढ़ा है वहीं अब ग्राहक प्राकृतिक रंगों के उपयोग से तैयार उत्पादों की खरीदारी पर बल देने लगे हैं। इंडिया कारपेट एक्सपो में भागीदारी करने वाले कई आयातकों ने इको फ्रेंडली कालीन उत्पादों में रुचि दिखाई है। प्राकृतिक रंगों का उपयोग कर उत्पाद तैयार कराने वाले निर्यातकों की स्टालों पर ग्राहकों का रुझान देखा जा रहा है। मेले में भागीदारी करने वाले कई निर्यातकों ने बताया कि आवासीय व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में उपयोग करने वाले अधिकतर लोग रासायनिक रंग से तैयार उत्पादों से परहेज करने लगे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में ईको फ्रेंडली कालीन उत्पादन बढ़ने की संभावना है।

    निर्यातक संजय गुप्ता का कहना है मार्च 22 में नई दिल्ली में आयोजित इंडिया कारपेट एक्सपो में ग्राहकों ने ईको फ्रेंडली उत्पादों के प्रति रुचि दिखाई थी। उसे देखते हुए इस बार विशेष रूप से प्राकृतिक रंग में कालीन उत्पादों के सैंपल तैयार कराए हैं जो काफी पसंद किए जा रहे। निर्यातक विधान यादव का कहना है कि अब ग्राहक परंपरा से हटकर अलग तरह के उत्पादों की खरीदारी पर जोर दे रहे हैं। ईको फ्रेंडली उत्पाद भी उसमें शामिल हैं।