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    राजपूतों की राजधानी थी सुरियावां

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    Updated: Sat, 10 Aug 2013 08:11 PM (IST)

    महेन्द्र दुबे

    ज्ञानपुर (भदोही) : जनपद के पश्चिमी छोर पर बसा सुरियावां नगर कभी मुख्य व्यवसायिक केंद्र हुआ करता था। शायद इसीलिए मौनस राजपूतों ने इसे अपनी राजधानी बनाई थी। भर राजाओं के अत्याचार और अहंकार को नष्ट कर राजपूतों ने जनपद के लोगों को राहत दी थी। यहां स्थित किले पर राजा प्रतापगढ़ ने आक्रमण किया था। 80 के दशक तक किले में खंडहर भी मौजूद रहे। राजाओं का नगर होने के कारण राम सिंह ने भदोही में रजपुरा मोहल्ला बसा दिया।

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    भदोही जनपद के गांव हो या फिर मोहल्ले सभी किसी न किसी इतिहास को अपने आंचल में छिपाए हुए है। पता नहीं कितने उतार-चढ़ाव झेलकर अपने वजूद को अभी तक कायम किए हुए है। जनपद के इतिहास पर गौर किया जाए तो सन् 1100 ई. के आसपास भरों ने भदोही में अपनी पकड़ बना ली थी। यहां का भर राजा बहुत ही अहंकारी एवं अत्याचारी हुआ करते थे। मौनस राजपूत राम सिंह उमरगढ़ से इलाहाबाद होते हुए भदोही आए थे।

    वह भर दुर्ग के आगे मर्यादपट्टी में एक ब्राह्मण के घर पर रुक गए। इत्तेफाक से जिस ब्राह्मण के घर रामसिंह का दल रुका था वह परिवार भर राजा से काफी परेशान था। मौनस राजपूतो और भर राजा के बीच हुए युद्ध में रामसिंह ने भरदही दुर्ग के ऊपर विजय का ध्वज लहरा दिया। दुर्ग के इर्द-गिर्द उसका अधिकार हो गया। आस-पास के सुरियावां, सरायकंसराय, शेरपुर, मोढ़, आनंदडीह आदि स्थानों पर सरदारों का खात्मा कर दिया। वह अपने दोस्त मीरजाद से खुश होकर उस स्थान का नाम मीरजाद की पट्टी रख दिया। वर्तमान समय में उसे मर्यादपट्टी के नाम से लोग जानते हैं। इस बीच जौनपुर में शरकी राज भी स्थापित हो चुका था। मौनस राजपूत राम सिंह जौनपुर शरकी सम्राट के मातहत रहकर सुरियावां में विशाल राजकोट बनवाया था। उन्होंने अपने नाम से रामपुर बसाया जो वर्तमान समय में बिगड़ कर रजपुरा नाम हो गया है। भदोही पर काबिज होने के बाद राजपूतों ने सुरियावां को सत्ता का केन्द्र बनाया। 80 के दशक में भी सुरियावां किले के खंडहर दिखाई पड़ते थे।

    उपेक्षित है सुरियावां

    कभी मौनस राजपूतों के सत्ता का केंद्र बना सुरियावां आजादी के छह दशक बाद भी उपेक्षित पड़ा है। व्यवसायिक केंद्र होने के बावजूद जनप्रतिनिधियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। सुरियावां उत्तर रेलवे के पास भले स्थित है लेकिन यहां पर प्रमुख रेलगाड़ियों का ठहराव नहीं होता है। यही नहीं सड़क मार्ग की सुविधा न होने से व्यापारी भी मुंह मोड़ रहे हैं।

    साभार- भदोही एट ए ग्लैंस

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