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    UP News: गोरखपुर-बस्ती मंडल से नेपाल पहुंच रही यूरिया की खेप, कालाबाजारी में सफेदपोश का आया नाम

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 07:48 AM (IST)

    गोरखपुर-बस्ती मंडल में यूरिया तस्करी का मामला सामने आया है जिसमें देवरिया से निकली खेप सिद्धार्थनगर में पकड़ी गई। जांच में पता चला कि यूरिया नेपाल भेजी जा रही थी। बस्ती जिले में भी यूरिया की अधिक खपत के कारण जांच के आदेश दिए गए हैं। अधिकारियों ने कालाबाजारी रोकने के लिए निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

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    बस्ती में सर्वाधिक यूरिया के वितरण की शासन से जांच के आदेश। -सांकेतिक तस्वीर

    ब्रजेश पांडेय, बस्ती। गोरखपुर-बस्ती मंडल के जिलों से नेपाल के लिए यूरिया की तस्करी हो रही है। देवरिया के बरहज से चली यूरिया की खेप सिद्धार्थनगर में पकड़ी गई है। इसकी भनक लगते ही सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और शासन स्तर से निगरानी तेज कर दी गई है। कमिश्नर अखिलेश सिंह के निर्देश पर प्रशासन और विभागीय स्तर से भी जांच शुरू कराई गई है।

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    यूरिया की कालाबाजारी में एक सफेदपोश का नाम सामने आ रहा है, जो पूर्वांचल के जिलों से खाद तस्करी का नेटवर्क खड़ा किया है। शिवम ट्रेडिंग कंपनी सिकरी बाजार विकास खंड लोटन जनपद सिद्धार्थनगर में बिना किसी दस्तावेज के दूसरे जिले से यूरिया मंगाकर गोदाम में भंडारण किया जा रहा था। यह स्थान नेपाल सीमा के नजदीक है।

    26 जुलाई की रात करीब 10 बजे कृषि विभाग, प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने जब इसकी जांच की तो मामला खुलते देर नहीं लगी। मौके पर खड़े संदिग्ध पकड़ में नहीं आ सके। सिर्फ ट्रक चालक पकड़ा गया है। नेपाल बार्डर के निकट स्थिति प्रतिष्ठान पर गोरखपुर का ट्रक नंबर यूपी 53-ईटी 8721 से एनएफएल कंपनी की यूरिया उतारी जा रही थी।

    चालक ने जांच टीम को बताया कि देवरिया जनपद के बरहज से वह कुल 600 बोरी यूरिया लादकर महराजगंज के सोनाबंदी में संतोष कुमार के यहां 50 बोरी यूरिया उतारी गई है। 550 बोरी यूरिया संतोष कुमार के द्वारा सिकरी भेजा गया है।

    उसे बताया गया था कि शेष यूरिया शिवम ट्रेडिंग कंपनी सिकरी को प्राप्त कराना है। जांच टीम के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय अनुदानित यूरिया का नेपाल राष्ट्र का तस्करी कर अधिक धन अर्जित करने के उद्देश्य से अवैध रूप से भंडारण किया जा रहा था, जो उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985, उर्वरक परिसंचलन आदेश 1973 का उल्लंघन है।

    इस मामले में मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया है। नेपाल में 350 से 400 रुपये प्रति बोरी की दर से यूरिया की तस्करी हो रही है और यहां सरकारी दर 266.50 रुपये प्रति बोरी है। इसकी जानकारी मिलने के बाद कमिश्नर अखिलेश सिंह ने जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर को निर्देशित किया है कि वह इस मामले में देवरिया व महराजगंज के जिलाधिकारी के संज्ञान में लाएं, जिससे यूरिया की कालाबाजारी को सख्ती से रोका जा सके।

    दूसरी तरफ बस्ती जिले पर भी जांच की तलवार लटक रही है। उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव रविन्द्र ने आयुक्त निबंधक सहकारिता को पत्र लिखकर अप्रैल-जुलाई 2025 में गत वर्ष के सापेक्ष अधिक यूरिया की बिक्री वाले जिलों में डायवर्जन संबंधी निरीक्षण के आदेश दिए गए हैं।

    प्रदेश के 18 ऐसे जिले हैं, जहां पर पिछले वर्ष की तुलना में 27 प्रतिशत से अधिक यूरिया की खपत हुई है। इसमें बस्ती जनपद पिछले वर्ष 22711 टन यूरिया की खपत किया था और इस बार खपत का आंकड़ा 35394 टन पहुंच गया है। अचानक यूरिया की खपत बढ़ना भी कालाबाजारी से जोड़कर देखा जा रहा है।

    प्रकरण की जांच के लिए जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। निजी दुकानों से उर्वरक का वितरण ठीक नहीं पाया गया है। इससे कालाबाजारी को बढ़ावा मिल रहा है। प्रशासन एवं विभाग के अधिकारियों को निरंतर दुकानों की जांच के निर्देश दिए गए हैं।

    अखिलेश सिंह, आयुक्त, बस्ती मंडल

    नेपाल बार्डर के रास्ते यूरिया की तस्करी न होने पाए, इसके लिए सिद्धार्थनगर के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए गए हैं। वहां पर बार्डर क्षेत्र के सभी थानेदारों को अलर्ट किया गया है।इसके अतिरिक्त एक टीम अलग से भी लगी है, जो ऐसी गतिविधियों की निगरानी कर रही है।

    संजीव त्यागी, डीआइजी, बस्ती