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    UP में ई-वाहनों की सब्सिडी में झोल, ग्राहकों को नहीं मिल पा रही छूट

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 08:40 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स छूट को दो साल के लिए बढ़ाया, लेकिन पोर्टल पर अपडेट न होने से ग्राहकों को परेशानी हो रही है। ई-रिक्शा विक्रेताओं की बिक्री में 80% तक गिरावट आई है, क्योंकि गरीब ग्राहक फाइनेंस पर निर्भर हैं और फाइनेंस कंपनियां रोड टैक्स रसीद के बिना भुगतान नहीं करती हैं। इससे गरीब वर्ग की आर्थिक आय प्रभावित हो रही है।

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    ई-रिक्शा और ई-आटो पर सब्सिडी नहीं मिलने से बिक्री में अस्सी प्रतिशत से अधिक गिरावट

    ब्रजेश पांडेय, बस्ती। शासन स्तर से इलेक्ट्रिक वाहनों की सब्सिडी पर छूट की घोषणा का असर जिले में नहीं दिख रहा है। इसमें झोल इस कदर है कि न सिर्फ व्यापार प्रभावित हो रहा है बल्कि संभागीय परिवहन विभाग में फाइलें भी लटक रही हैं। नए नियम के तहत दो और चार पहिया वाहनों के लिए तो छूट प्रदान करने की बात है, लेकिन ई-रिक्शा और ई-आटो खरीदने वालों के लिए कोई छूट नहीं है।

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    इसे लेकर लोगों के बीच एजेंसी मालिकों से तकरार भी हो रही है। जबकि धनतेरस पर ही सरकार ने यह तोहफा दिया था। छूट 13 अक्टूबर को समाप्त की गई थी। अब तक कोई आदेश या सब्सिडी राशि जिलों के लिए आवंटित नहीं हो सकी है। इससे बिक्री में करीब अस्सी प्रतिशत तक गिरावट हुई है।

    केंद्र सरकार की पीएम ई-ड्राइव स्कीम को 31 मार्च 2028 तक के लिए दो साल बढ़ाया गया है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों को सब्सिडी मिलती रहेगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी ईवी सब्सिडी योजना को दो साल और बढ़ाकर 2027 तक कर दिया था। प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खरीदने पर पंजीकरण और रोड टैक्स में छूट की अवधि दो साल बढ़ाई गई थी।

    उच्च स्तरीय प्राधिकृत इलेक्ट्रिकल व्हीकल समिति की बैठक में इस निर्णय के बाद औद्योगिक विकास विभाग के सचिव विजय किरण आनंद ने अधिसूचना जारी की थी। पहले की नीति के तहत प्रावधान था कि तीन वर्ष तक उत्तर प्रदेश में निर्मित, क्रय व पंजीकृत किसी भी ईवी पर 100 प्रतिशत छूट मिलेगी।

    संशोधन के बाद अब यह शर्त बदली गई है कि अगले दो वर्ष की अवधि में उत्तर प्रदेश में क्रय व पंजीकृत किसी भी ईवी पर सौ प्रतिशत छूट मिलेगी। यह शर्त अब सभी ईवी पर समान रूप से लागू होगी। चाहे वाहन कहीं भी बना हो। इसके अलावा एग्रीगेटर/फ्लीट आपरेटरों को दो, तीन, चार-पहिया वाहनों के साथ अधिकतम दस ई-बस या ई-गुड्स कैरियर तक की क्रय सब्सिडी लेने की अनुमति पूर्ववत बनी रहेगी।

    संशोधित नीति के अनुसार अब किसी भी राज्य में बना इलेक्ट्रिक वाहन यदि यूपी में खरीदा और पंजीकृत होता है तो उसे पूरी छूट मिलेगी। इलेक्ट्रिक बसों, ट्रकों और एम्बुलेंस जैसे ई-वाहनों की खरीद पर सब्सिडी जारी रहेगी।

    मिलने वाली सब्सिडी

    • दोपहिया वाहन व चार पहिया के मूल्य पर 11 प्रतिशत
    • ई-आटो प्रति वाहन 16 हजार 200
    • ई-रिक्शा प्रति वाहन 21 हजार 200
    • ई-बस पर मूल्य का 11 प्रतिशत

    टैक्स सरकार के द्वारा जो सब्सिडी हटाने की सूचना आई थी, उसके कारण से अभी तक हम ई रिक्शा नहीं ले पाए। अभी नई छूट लागू नहीं हा पाई है। छूट मिलने के बाद ही नई गाड़ी लेने की व्यवस्था हो पाएगी। -मजीद, पिकोरा शिव गुलाम

    13 अक्टूबर से लेकर अभी तक सरकार द्वारा टैक्स रिबेट बढ़ाने की सूचना तो दे दी गई लेकिन उसका क्रियान्वयन अभी तक ना हो पाने के कारण हम लोग ई रिक्शा नहीं ले पा रहे हैं। अभी पता चल रहा है कि सरकार ने समय बढ़ा दिया है, लेकिन ई-रिक्शा एजेंसी पर भी उसका कोई आदेश नहीं आया है। -बलराम सिंह, ग्राम पल्हा

    दीपावली में हमारे पूरे परिवार का मन था ई रिक्शा लेने का हम लोग एजेंसी पर गए भी पैसा भी जमा किए लेकिन एजेंसी द्वारा यह बताया गया की रोड टैक्स 13 अक्टूबर से समाप्त हो रहा है और प्रत्येक गाड़ियों पर लगभग 24000 रुपए का अधिभार बढ़ जाएगा इस कारण हम लोग ई रिक्शा नहीं लिए। - महेन्द्र, रसूलपुर त्रेता

    हम ई-रिक्शा एजेंसी पर टैक्स का पैसा देने का वादा करके ई रिक्शा लेने का मन बना लिए थे, लेकिन फिर पता चला कि सरकार इस योजना को बढ़ा रही है, उसका अभी तक निस्तारण न होने के कारण हमारी जमा पूंजी भी फंस गई है। -दीपक, ग्राम पिपरिया

    शासन स्तर से ई-रिक्शा या ई-आटो पर सब्सिडी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।अन्य वाहनों के लिए सब्सिडी राशि शासन स्तर से भेजी जा रही है। जो फाइलें लंबित चल रही है, उसका निस्तारण जल्द से जल्द कर दिया जाएगा।-फरीदउद्दीन, आरटीओ प्रशासन, बस्ती

    13 अक्टूबर को सरकार द्वारा रोड टैक्स जो इलेक्ट्रिक वाहनों पर छूट के रूप में दिया जा रहा था, उसकी समय अवधि समाप्त होने होने के कारण सरकार द्वारा पुन: उसकी समय अवधि दो वर्ष के लिए बढ़ाई गई, परंतु पोर्टल पर अभी सो न कर पाने के कारण गाड़ियों का रोड टैक्स जमा नहीं हो पा रहा है। हम जैसे विक्रेता की बिक्री पर 80 प्रतिशत की गिरावट आई है। क्योंकि ई-रिक्शा के जो कस्टमर हैं, वह अत्यंत गरीब होते हैं और उन्हें फाइनेंस पर ही गाड़ी लेनी होती है। फाइनेंस कंपनी जब तक रोड टैक्स की रसीद और इंश्योरेंस नहीं प्राप्त कर पाती है तब तक पेमेंट नहीं करती है। इस कारण एक बड़ा वर्ग इस व्यवसाय से गाड़ियां चाह कर भी नहीं ले पा रहा है। जिससे उसकी आर्थिक आय प्रभावित हो रही है।

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     -श्रद्धेय पाल, अधिकृत विक्रेता, रोड स्टार ई रिक्शा