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    किसी भी सूचना पर यूपी 112 भरेगी रफ्तार, कॉलर के पास अब पांच मिनट में पहुंचेगी पीआरवी टीम

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 06:30 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश पुलिस की आपातकालीन सेवा यूपी 112 अब और तेजी से काम करेगी। नई तकनीक और बेहतर समन्वय के कारण पुलिस रिस्पांस व्हीकल (पीआरवी) टीम अब कॉल करने वाले के पास औसतन पांच मिनट में पहुंचेगी। पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे आपातकालीन स्थितियों में तेजी से और प्रभावी ढंग से कार्रवाई कर सकें। इससे अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी।

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    किसी भी सूचना पर यूपी 112 भरेगी रफ्तार।

    स्कन्द कुमार शुक्ल, बस्ती। तकनीक और सतर्कता का असर जिले की यूपी 112 की पीआरवी पर हुआ है। रिस्पांस टाइम सात मिनट से घटकर हुआ न्यूनतम पांच मिनट हो गया है। इससे पीआरवी पर जनता का विश्वास बढ़ा। पुलिस ने अपनी आपातकालीन सेवा यूपी 112 की कार्यप्रणाली में सुधार दर्ज किया है। कभी देर से पहुंचने वाली पुलिस अब सूचना मिलते ही चंद मिनटों में घटनास्थल पर मौजूद होती है।

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    ताजा आंकड़ों और जमीनी हकीकत के मुताबिक, यूपी 112 के रिस्पांस टाइम में भारी गिरावट आई है, जो जिले की कानून-व्यवस्था के लिए एक सुखद संकेत है। जारी हालिया रिपोर्ट के अनुसार, यूपी 112 का औसत रिस्पांस टाइम अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया है।

    मिनटों का खेल, सुरक्षा का मेल

    विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, यूपी 112 का औसत रिस्पांस टाइम अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। यूपी 112 पीआरवी के पहुंचने का समय शहरी क्षेत्र में औसतन पांच मिनट के बीच दर्ज किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भौगोलिक चुनौतियों के बावजूद, वहां 5 से लेकर साढ़े मिनट के भीतर मदद के लिए पहुंच रही हैं।

    पहले यह समय औसतन सात मिनट या उससे अधिक हुआ करता था। इस तेजी ने न केवल अपराधों को रोकने में मदद की है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाकर कई जानें भी बचाई हैं।

    रिस्पांस में बदलाव के मुख्य कारण

    यूपी 112 के प्रभारी राणा डीपी सिंह ने बताया कि जीपीएस आधारित ट्रैकिंग सिस्टम को और सटीक बनाया गया है। कंट्रोल रूम को पता होता है कि कौन सी पीआरवी घटना के सबसे करीब है, जिससे उसे तुरंत डिस्पैच किया जाता है।

    पीआरवी के बेड़े में नई और आधुनिक गाड़ियां जोड़ी गई हैं, जिससे कवरेज एरिया बढ़ा है और रिस्पांस टाइम कम हुआ है। लखनऊ स्थित मुख्यालय से हर काल और गाड़ी की मूवमेंट की 24 गुणे सात रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है। देरी होने पर जवाबदेही तय की जा रही है।

    रिस्पांस में और सुधार के लिए उच्चाधिकारियों के माध्यम से 21 नई गाड़ियों की डिमांड की गई है। फिलहाल यूपी 112 के 41 वाहन चालू हालत में हैं। प्रतिदिन औसतन 400 कालर के फोन आ रहे हैं।

    महिला सुरक्षा पर विशेष फोकस

    मिशन शक्ति फेज पांच के लागू होने के बाद यूपी 112 ने महिला सुरक्षा को विशेष प्राथमिकता दी है। रात के समय सफर करने वाली महिलाओं के लिए नाइट एस्कार्ट सेवा और घरेलू हिंसा की शिकायतों पर महिला पीआरवी की त्वरित कार्रवाई ने आधी आबादी के बीच सुरक्षा का भाव मजबूत किया है।

    हमारा लक्ष्य रिस्पांस टाइम को और कम करना है। विभिन्न आयोजनों के दृष्टिगत यूपी 112 को और अधिक हाईटेक किया जा रहा है ताकि मित्र पुलिस का संकल्प चरितार्थ हो सके। इस सुधार ने यह साबित कर दिया है कि यदि तकनीक का सही इस्तेमाल और इच्छाशक्ति हो, तो सरकारी तंत्र भी वर्ल्ड क्लास सेवाएं दे सकता है। यूपी 112 अब प्रदेश की जीवन रेखा बनकर उभरी है। -सत्येन्द्र भूषण तिवारी, नोडल अफसर यूपी 112, सीओ सिटी, बस्ती।