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    SIR in UP: वर्ष 2003 के बाद आई बहुएं मायके का नहीं दे पा रही विवरण, BLO के फोन के बाद भी नहीं मिल रही ये जानकारी

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 04:51 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में एसआईआर को अद्यतन करने के दौरान 2003 के बाद विवाहित महिलाओं के मायके का विवरण प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के फोन करने पर भी कई परिवार जानकारी देने में असमर्थ हैं, क्योंकि विवाह पंजीकरण दस्तावेजों की कमी और जागरूकता का अभाव है।

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    वर्ष 2003 के बाद आई बहुएं मायके का नहीं दे पा रही विवरण।

    संवाद सूत्र, गायघाट (बस्ती)। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के आवेदन भरने में वर्ष 2003 के बाद शादी करके आई बहुएं विवरण नहीं दे पा रही हैं। जिससे बीएलओ को फॉर्म में पूरा विवरण भरने में पसीना छूट रहा है। बीएलओ घर-घर जाकर बहुओं से उनके मायके का विवरण मांग रहे हैं। लेकिन बहुओं का पूरा विवरण नहीं मिल पा रहा है।

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    ऐसी स्थिति में महादेवा विधानसभा क्षेत्र में 62 हजार मतदाता अभी फार्म नहीं जमा हो पाया हैं। महादेवा विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए आवेदन भरने के भले ही एक सप्ताह बढ़ा दिया गया है। लेकिन बीएलओ का सिर दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

    विधानसभा क्षेत्र में ऐसी तमाम महिलाएं व बहुएं हैं, जिनका विवरण लेने के लिए बीएलओ को उनके मायके से संपर्क करना पड़ रहा है। वहां से भी उनको पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसलिए उनके आवेदन समय सीमा के अंदर जमा नहीं हो पा रहे हैं।

    सोमवार को बीआरसी कुदरहा के परिसर में बीएलओ और सहयोग के लिए लगाए गए शिक्षक चटाई पर बैठकर एसआईआर फॉर्म भर रहे हैं। इस दौरान बीएलओ ने बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी वर्ष 2003 में शादी के बाद आई बहुओं का एसआईआर करने में समस्या हो रही है। उनका पूरा विवरण नहीं मिल पा रहा है। जिसके वजह से मैपिंग नहीं हो पा रहा है।

    राजनीतिक पार्टियों द्वारा बनाए गए बीएलए का भी कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा है। जिसकी वजह से बीएलओ असहाय महसूस कर रहे हैं। इस दौरान महादेवा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन रजिस्ट्रीकर्ता अधिकारी उमाकांत तिवारी ने मौके पर मौजूद बीएलओ और सहयोग में लगे शिक्षकों को मैपिंग करने का तरीका बताया और कहा कि घर-घर जाकर बहू से उनका विवरण पूरा करके मैपिंग करना जरूरी है।

    बताया कि इस विधानसभा क्षेत्र में 81 प्रतिशत मतदाताओं का डिजिटलाइज्ड हो गया है। बाकी 19 प्रतिशत लोगों ने फॉर्म नहीं जमा किया है। जिससे 62 हजार मतदाताओं का अभी मैपिंग होना बाकी है।