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    फार्मेसी की पढ़ाई के लिए युवक ने लिया एडमिशन, स्लिप मांगने पर थमा दी मार्कशीट… नंबर देखते ही उड़ गए होश

    फार्मेसी में एडमिशन के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आशीष पाठक नामक युवक को अयोध्या के कॉलेज में एडमिशन कराने का झांसा देकर राजस्थान के विश्वविद्यालय की डिग्री थमा दी गई। पीड़ित ने 2022 में एडमिशन के लिए पैसे दिए थे लेकिन मार्कशीट 2019 की मिली। तीन साल तक पुलिस में शिकायत के बाद कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज हुआ पुलिस जांच कर रही है।

    By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Mon, 25 Aug 2025 04:13 PM (IST)
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    फर्जी मार्कशीट मिलने पर हुआ शक,कोर्ट के आदेश पर केस

    जागरण संवाददाता, बस्ती। पठकापुर निवासी आशीष पाठक पुत्र श्रीनाथ पाठक के साथ फार्मेसी में नामांकन के नाम पर हुई ठगी तब समझ में आई जब अयोध्या के कॉलेज में नामांकन का झांसा देने वालों ने उन्हें राजस्थान के विश्वविद्यालय की डिग्री उपलब्ध करा दी। 

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    इसके बाद पीड़ित लगातार तीन वर्षों तक पुलिस के चक्कर लगाता रहा। जब कोई हल नहीं निकला तो कोर्ट की शरण में गया। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।

    आशीष कुमार पाठक ने फार्मेसी की पढ़ाई करने की सोची तो उन्हें परशुरामपुर थाना क्षेत्र के मुकुंदपुर निवासी राजन कुमार मिल गए। उन्होंने झांसा दिया कि अवध फार्मेसी पैरामेडिकल हेल्थ इंस्टीट्यूट अयोध्या उनके मित्र का है, वहां आसानी से एडमिशन करा देंगे। इसके लिए 2,30,000 रुपये लगेंगे। 

    आशीष ने कुछ पैसों की व्यवस्था कर आरोपित राजन के साथ रमेश चौधरी, डायरेक्टर अवध फार्मेसी में पैरामेडिकल हेल्थ इंस्टीट्यूट में जाकर मुलाकात की। पीड़ित ने बताया सितंबर 2022 में उसने 40,000 रुपये खाते में ट्रांसफर कर दिए। 

    एक वर्ष बीत जाने के बाद भी जब एडमिशन की कोई स्लिप नहीं मिली तो आशीष को शक हुआ। उसने दोनों लोगों को फोन कर फीस की रसीद और नामांकन वाले कॉलेज की जानकारी चाही। 

    इस पर जालसाजों ने प्रथम वर्ष की मार्कशीट राजस्थान विद्यापीठ यूनिवर्सिटी प्रताप नगर उदयपुर की उपलब्ध करा दी। इसमें उत्तीर्ण होने का वर्ष 2019 लिखा था। मार्कशीट देख उसके होश उड़ गए। 

    थानाध्यक्ष छावनी जनार्दन प्रसाद ने बताया कि मामला गंभीर है। पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है। हो सकता है यह कोई बड़ा रैकेट हो जो सीधे साधे लोगों को ठक रहा हो।