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    बस्ती में धोखाधड़ी में शामिल चार अंतर्राज्यीय टप्पेबाज गिरफ्तार, बंगाल-बिहार तक था नेटवर्क

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 05:38 PM (IST)

    बस्ती पुलिस ने अंतर्राज्यीय टप्पेबाज गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश में सक्रिय था और बैंकों, एटीएम और बाजारों में लोगों को ठगता था। पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल, रुपये, सिम और घड़ी बरामद की है। पूछताछ में उन्होंने कई वारदातों को अंजाम देने की बात स्वीकार की है। पुलिस आगे की जांच कर रही है।

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    जागरण संवाददाता, बस्ती। कोतवाली पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए, देश के विभिन्न राज्यों में सक्रिय धोखाधड़ी करने वाले अंतरप्रांतीय टप्पेबाज गैंग का पर्दाफाश किया है। इस गैंग के चार शातिर सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जो पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से अपने अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे थे।

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    पुलिस अधीक्षक अभिनन्दन ने सोमवार शाम को पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि यह गैंग लंबे समय से आम जनता को निशाना बना रहा था, जिसमें मुख्य रूप से बैंकों के बाहर, एटीएम बूथों के पास और भीड़-भाड़ वाले बाजारों में लोगों को बातों में उलझाकर या फर्जी मदद का बहाना करके नकदी और कीमती सामान ठगना शामिल था।

    शहर कोतवाल दिनेश चन्द्र चौधरी के नेतृत्व में तकनीकी निगरानी और मुखबिरों से मिली सटीक सूचना के आधार पर, इस गैंग के चार मुख्य सदस्यों को एक गुप्त ठिकाना इसाई कब्रिस्तान जामडीह, कोतवाली से धर दबोचा गया। एसपी ने बताया कि इस गैंग की कार्यशैली बेहद पेशेवर थी।

    वे एक शहर में कुछ दिनों तक ठगी करने के बाद तुरंत दूसरे प्रांत में चले जाते थे, जिससे पुलिस के लिए उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो जाता था। ये आरोपित मुख्यतः ऐसे बुजुर्गों या अकेले व्यक्तियों को निशाना बनाते थे जो नकदी लेकर बैंक से बाहर आते थे। वे खुद को बैंक कर्मचारी या मददगार बताकर विश्वास जीतते थे और टप्पेबाजी (हाथ की सफाई से सामान बदल लेना) की तकनीक से ठगी करते थे।

    बताया कि पुलिस रिमांड के लिए आवेदन किया जाएगा ताकि इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और इनके सरगना (मास्टरमाइंड) तक पहुंचा जा सके। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति के झांसे में न आएं और सार्वजनिक स्थानों पर नकदी या कीमती सामान के लेनदेन में अत्यधिक सतर्कता बरतें।

    आरोपितों की इस तरह से हुई पहचान

    गिरफ्तार किए गए चारों आरोपितों में सिकन्दर अली उर्फ इशहाक पुत्र इस्माइल अली निवासी हबीबपुर थाना रानाघाट, जिला नादिया पश्चिम बंगाल, फिरोज मीर उर्फ उज्जवल पुत्र पन्नामीर निवासी बलिया बाजार, राजबरी थाना चगदा, जिला नादिया, पंश्चिम बंगाल, मोहम्मद दिलबर हुसैन पुत्र माजिबीर हुसैन निवासी हमला अबारी, थाना पोवाखाली जनपद किशनगंज बिहार, सलमान पुत्र आलम निवासी चालीसफुटा रोड बुद्धानगर-2 अलीपुर लोनी, थाना लोनी, जनपद गाजियाबाद शामिल हैं।

    पुलिस द्वारा की गई तलाशी में आरोपितों के पास से आठ मोबाइल, 1925 रुपया, 19 सिम व एक घडी बरामद हुई है। यह सभी आरोपित शहर में दो महीने से ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। इनके खिलाफ बिहार, कमिश्नरेट लखनऊ व कोतवाली थाने में कुल नौ मुकदमें दर्ज हैं।

    अन्य राज्यों में कनेक्शन

    पूछताछ में आरोपितों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश में बस्ती जिले से लेकर गाजियाबाद और संभवतः कुछ अन्य पड़ोसी राज्यों में भी ऐसी कई वारदातों को अंजाम दिया है। पुलिस अब इन राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क स्थापित कर रही है ताकि इन मामलों की कड़ियों को जोड़ा जा सके और इनके खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों में कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

    गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम

    अंतर प्रांतीय रैकेट के सदस्यों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में शहर कोतवाल दिनेश चन्द्र चौधरी,एसआई सभाशंकर यादव, राजेन्द्र यादव, पवन कुमार मौर्या, मुख्य आरक्षी मुन्नालाल चौधरी, आरक्षी मनीष यादव, असगर अली, धर्मेन्द्र कुशवाहा व संदीप कुमार सिंह शामिल रहे।

    गांधीनगर में संतकबीरनगर के व्यापारी से की थी पांच लाख की टप्पेबाजी

    करीब ढाई महीने पहले चार सितंबर 25 को शहर के गांधीनगर से संतकबीरनगर के एक रेडीमेड कपड़ा कारोबारी से इन्हीं टप्पेबाजों ने पांच लाख रुपये की ठगी कर ली थी। पीड़ित शहजाद अहमद निवासी धौरहरा, थाना कोतवाली खलीलाबाद, संतकबीरनगर को छद्म अजीज नाम के व्यक्ति ने बस्ती शहर में अपने रिश्तेदार जमीन की सौदा कराने के नाम उसे अपना शिकार बना लिया।

    जमीन के लिए पांच लाख एडवांश लेकर आए शहजाद को कथित ठग ने उसे गांधीनगर के सब्जीमंडी की गली में ले गया कहा कि मुझे रुपये दे दो मैं अपनी खाला को दे दूंगा। पीड़ित ठग की बातों में आकर उसे पांच लाख रुपये दे दिया। कोतवाली पुलिस इस मामले की धोखाधड़ी, विश्वासघात और जालसाजी की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच-पड़ताल में शिद्दत से जुटी हुई थी।