Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बस्ती के पूर्व भाजपा विधायक समेत पांच को तीन वर्ष की सजा, कोर्ट से भेजे गए जेल

    Updated: Tue, 29 Apr 2025 08:26 PM (IST)

    Basti Latest News बस्ती में विधान परिषद चुनाव के दौरान व्यवधान पैदा करने के मामले में पूर्व भाजपा विधायक संजय प्रताप जायसवाल पूर्व प्रमुख त्र्यंबक पाठक समेत पांच लोगों को तीन साल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने इन्हें जेल भेजने का आदेश दिया है। इन पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और एआरओ से बदसलूकी का आरोप था।

    Hero Image
    बस्ती के पूर्व भाजपा विधायक समेत पांच को तीन वर्ष की सजा, कोर्ट से भेजे गए जेल

    जागरण संवाददाता, बस्ती। विधान परिषद चुनाव की मतगणना के दौरान व्यवधान उत्पन्न कर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के 22 वर्ष पुराने मामले में भाजपा के पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल, पूर्व ब्लॉक प्रमुख त्र्यंबक पाठक, महेश सिंह व इरफान सहित पांच लोगों को न्यायालय से जेल भेज दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट प्रमोद कुमार गिरि ने इन लोगों को पूर्व में मिली तीन साल कारावास और अर्थदंड की सजा को बरकरार रखते हुए न्यायिक अभिरक्षा में लेने का आदेश दिया। प्रत्येक को 4500 रुपये अर्थदंड भी देना होगा। इसे न देने पर दो माह 10 दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सत्र न्यायालय में जमानत अर्जी पर सुनवाई न होने की वजह से पूर्व विधायक, पूर्व प्रमुख को जिला कारागार भेज दिया गया।

    एआरओ से की थी बदसलूकी

    विशेष अभियोजक ने न्यायालय को बताया कि वर्ष 2003 में बस्ती-सिद्धार्थनगर स्थानीय प्राधिकारी विधान परिषद चुनाव की मतगणना तीन दिसंबर 2003 को तहसील भवन में हो रही थी। शाम पौने चार बजे एमएलसी प्रत्याशी रहीं कंचना सिंह अपने पति आदित्य विक्रम सिंह, बस्ती के पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल, डुमरियागंज के पूर्व विधायक कमाल यूसुफ के बेटे मोहम्मद इरफान, पूर्व प्रमुख गौर महेश सिंह, पूर्व प्रमुख परशुरामपुर त्रयम्बक पाठक, पूर्व प्रमुख सल्टौआ बृजभूषण सिंह और अशोक सिंह 30-40 समर्थकों को लेकर मतगणना स्थल पर पहुंची।

    क्षेत्राधिकारी ओमप्रकाश सिंह से कहासुनी के बाद इन लोगों ने मतगणना कर रहे एआरओ से भी बदसलूकी की तथा 50 मतपत्र उठा ले गए।

    सहायक निर्वाचन अधिकारी ने दर्ज कराया था मुकदमा

    तत्कालीन जिलाधिकारी अनिल कुमार के निर्देश पर सहायक निर्वाचन अधिकारी राजीव शर्मा, जगन्नाथ प्रसाद और श्रीश दुबे की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया था। विवेचना होने के बाद सभी आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। सुनवाई के दौरान एमएलसी प्रत्याशी कंचना सिंह व पूर्व प्रमुख बृजभूषण सिंह की मृत्‍यु हो गई बाकी सभी अन्य आरोप‍ितों के विरुद्ध सुनवाई पूरी हुई।

    शासकीय अधिवक्ताओं ने 10 गवाह प्रस्तुत किए। दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने गाली देने और जान से मारने की धमकी देने की लगी धारा 504, 506 आइपीसी में सभी आरोपितों को बरी कर दिया। 147, 323, 353, 332 और 382 आइपीसी तथा 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट एवं 136 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के मुकदमे में आरोपित किए गए सभी सात लोगों को दोषी ठहराया गया है।

    इसे भी पढ़ें: अलीगढ़ के बाद यूपी के इस जिले में दामाद के साथ भागी सास, बेटी का रिश्ता टूटा तो प्यार चढ़ा परवान

    comedy show banner
    comedy show banner