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    रिप्रोडक्टिव वैल्यू में उछाल से बढ़ रहे कोरोना के मामले

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 14 Apr 2021 11:49 PM (IST)

    राष्ट्रीय स्तर पर वायरस की प्रजनन क्षमता 1.32 यूपी में 2.14 प्रोटोकाल का करें पालन जांच व समय पर मिले इलाज की सुविधा

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    रिप्रोडक्टिव वैल्यू में उछाल से बढ़ रहे कोरोना के मामले

    जागरण संवाददाता, बस्ती : प्रतिदिन कोविड पाजिटिव आने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है। चिकित्सक तेजी से बढ़ते मामलों के पीछे वायरस की प्रजनन क्षमता (रिप्रोडक्टिव वैल्यू या आर वैल्यू) में हुई वृद्धि बता रहे हैं। चेन्नई स्थित गणितीय विज्ञान संस्थान के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। यह जानकारी देते हुए किग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (एमएस) के उपाध्यक्ष डा. सूर्यकांत ने बुधवार को सीएमओ कार्यालय में वर्चुअल के जरिये कहा कि अध्ययन के मुताबिक वायरस की प्रजनन क्षमता जहां राष्ट्रीय स्तर पर 1.32 दर है, वहीं प्रदेश में यह 2.14 दर पर पहुंच चुकी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश के कोविड टीकाकरण के ब्रांड एंबेसडर डा. सूर्यकांत ने कहा है कि आर वैल्यू कोविड संचरण के मापदंडों में से एक है। एक संक्रमित व्यक्ति एक से अधिक लोगों में वायरस फैला रहा है। पिछले दो सप्ताह के दैनिक नए मामलों पर नजर रखने के बाद उत्तर प्रदेश के लिए प्रभावी प्रजनन संख्या का अनुमान 2.14 दर है। पिछले सितंबर में यह एक के नीचे पहुंच गया था। वर्चुअल कार्यक्रम में सीएमओ डा. अनूप कुमार, एसीएमओ डा. फखरेयार हुसैन सहित अन्य मौजूद रहे। फैलाव को रोकने के लिए सभी का सहयोग जरूरी :

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    एसीएमओ डा. सीएल कन्नौजिया का कहना है कि कोरोना वायरस जब लगातार बढ़ रहा है तो हमें भी पहले से अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। जब तक सभी का सहयोग नहीं मिलेगा, तब तक कोरोना से मुक्ति संभव नहीं है। बिना काम के बाहर न निकलें और बहुत जरूरी हो तो थ्री लेयर मास्क से अच्छी तरह से नाक और मुंह को ढक कर ही निकलें। क्या है आर वैल्यू :

    आर वैल्यू या आर नंबर कोरोना वायरस या किसी अन्य बीमारी के फैलने की क्षमता को दर्शाता है। यह उन लोगों की संख्या है जो कि वायरस से औसतन संक्रमित हो चुके हैं। जिस समय लोग संक्रमण की चपेट में आते हैं, तत्काल उनका पता नहीं लगाया जा सकता है। इसके लिए वैज्ञानिक परोक्ष रूप से काम करते हैं। आंकड़े में वायरस से मरने वालों, अस्पताल में भर्ती होने वालों व संक्रमण की जद में आने वालों की तादाद शामिल होती है।

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