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    सोशल मीडिया से चल रहा धर्म और जातियों को बांटने का कुचक्र, सीएम योगी ने बस्ती में नौजवानों को किया सावधान

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 01:18 PM (IST)

    बस्ती में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को सोशल मीडिया से सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर धर्म और जातियों को बांटने का प्रयास किया जा रहा है जिससे सावधान रहने की आवश्यकता है। विद्याभारती के सरस्वती विद्या मंदिर के नवीन प्रकल्प का शिलान्यास करते हुए उन्होंने शिक्षा को मुक्ति का मार्ग बताया और भारत को विश्व गुरु बनाने में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया।

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    सोशल मीडिया से चल रहा धर्म और जातियों को बांटने का कुचक्र: सीएम योगी

    जागरण संवाददाता, बस्ती। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बस्ती में कहा कि देश व प्रदेश के छात्र, युवा और नौजवान इंटरनेट मीडिया से दूर रहें। इससे समाज मे जाति और धर्म को बांटने का कुचक्र तेजी से फैलाया जा रहा है। इसे सावधान रहने की जरूरत है।

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     विद्याभारती के सरस्वती विद्या मंदिर के नवीन प्रकल्प का बसहवा में शिलान्यास करते हुए कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर के बड़े प्रकल्प को एक नए रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास हुआ है। इसके लिए सभी आचार्यों को ह्रदय से बधाई। 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्या वह है जो हमारी मुक्ति का मार्ग प्रशस्त कर दें। देश 1947 मे स्वतंत्र होता है, उसके बाद नाना जी देशमुख के नेतृत्व में गोरखपुर में पहली शाखा का निर्माण हुआ था। आज प्रदेश के अंदर हजारों शिक्षक देश और राष्ट्र को मजबूत करने का कार्य कर रहे हैं। 

    उन्होंने कहा कि भारत के अंदर शिक्षा कैसी होनी चाहिए, इसके लिए आजादी के पांच वर्ष बाद इसकी नींव पड़ी। भारत को विश्व गुरु बनने में इसका प्रमुख योगदान दिया है। शिक्षा संस्कार युक्त नहीं है। देश के प्रति समर्पित नहीं है, तो सब बेकार है। 

    यह एक चुनौती थी। सरकार विपरीत थी। बिना सरकार के सहायता के अपने दम पर भारतीयता के प्रति अनुराग रखने वाले लोगों के सहयोग से निर्माण हुआ। उस समय सिर्फ पांच छात्र थे, आज तो 12 हजार से अधिक सिर्फ शिक्षक हैं। 

    यहां से निकलने वाले छात्र समाज को नई दिशा दे रहे हैं, जो मोदी जी के विकसित राष्ट्र की परिकल्पना में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। पूरी दुनिया में शिक्षा के बाद ही समग्रता का लक्ष्य पूरा होता है। यहां सुयोग्य नागरिक विकसित होने का कार्य किया है। 

    अमृत महोत्सव के शुरुआत में मोदी जी 25 वर्ष के आगामी प्लान की रूप रेखा खिंची है।  जिसके कार्य योजना पर आगे के लक्ष्यों को प्राप्त कर लेंगे। इससे आने वाली पीढ़ी सशक्त होगी। 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जो विकास का खाका पांच वर्ष के लिये बनाते हैं। उसी तरह से मोदी जी ने पंच प्रण। हमें अपनी विरासत का समम्मान करना होगा। पूर्वजों व परम्पराओ को जीवन का हिस्सा बनना होगा। 

    इसी कदम पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी चले थे। कश्मीर में धारा 370 को जबरन लागू किया था। जिसे मोदी जी ने भारत विरोधी गतिविधियों को एक झटके में समाप्त कर दिया। भारत के आदर्श भगवान प्रभु राम हैं। 

    नारद जी ने बाल्मीकि को  रामायण लिखने की प्रेरणा दी। हमें राम और कृष्ण पर गौरव की अनुभूति है। जिन्होंने देश की आजादी के लिए भारत की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने आपको बलिदान दिया, वह हमारे विरासत हैं। गुलामी की मानसिकता इस कदर छा गई थी, की उससे निकलना मुश्किल था। पिछले 11 वर्षों में इस मानसिकता के बदलाव को आपने देखा होगा। 

    भारत और भारतीयता के मन में ऐसा भाव भरा गया, जिससे हमने अंग्रेजी को भारतीयता का प्रतीक बनना शुरू कर दिया था। हमें अपने परंपरा और प्रतीक से दूरी बनाने का कुचक्र रचा गया। भारत के बाद बल और बुद्धि की कोई तुलना नहीं थी। 

    बहराइच के राजा सुहेलदेव का उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने भुला दिया था, बाद में सुहेलदेव को आदर्श मानते हुए उन्हें समम्मान दिलाया गया। स्वदेशी वस्तुओं को ही हम जीवन का हिस्सा बनाएं। 

    मोदी जी की इस पहल से हम अपने सामानों का मुनाफा अपने पास रखेंगे। विदेशों में यह मुनाफा न जाने पाए। हमारे सेना का जवान जागता है तो हम चैन की नींद सो पाते हैं। जाति और धर्म के नाम पर जब हम बंटे थे तो अंग्रेजों ने हमें गुलाम बनाया। अब हमें सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करना है। इस बंधन को तोड़ना है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि इंटरनेट मीडिया में जाति को जाति, धर्म को धर्म को लड़ाने का प्रयास हो रहा है। इससे बचना होगा। अच्छी शिक्षा के लिए इसका प्रयोग हो सकता है, बच्चों को सकारात्मक पक्ष के प्रति आगे लाना होगा। 

    तकनीकी हमारे लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन यह देश के अनुरूप होना चाहिएं। जब दुनियां कोविड काल मे पस्त थी तो दूसरी तरह भारत ने उस समय राष्ट्रीय शिक्षा नीति की स्थापना की। 

    यह नीति कैसे उपयोगी हो सकती है, इसके लिए सरस्वती शिशु मंदिरों ने कदम आगे बढ़ाया है। हम नई तकनीकी से देश को आगे ले जा सकते हैं। अच्छे कार्यों को हम अब एक साथ पूरी दुनियां के सामने आगे ला सकते हैं। यह तकनीक अपने द्वारा संचालित हो, यह टेक्नोलॉजी हमें न संचालित करने लगे, इसके लिए सतर्क रहना होगा। हम अच्छे कार्यो के लिए प्रयोग करें। 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि तस्वीरों के साथ छेड़छाड़, साइबर फ्राड करके व्यक्ति को बेवकूफ बनाने का कार्य हो रहा है। अब हर जनपद में इससे निपटने के लिए साइबर थाना दिया गया है। 

    हमें डिजिटल मीडिया का कम प्रयोग करना है। इससे समय, शरीर के साथ आंखों का नुकसान हो रहा है। सिर्फ कम्पटीशन की तैयारी करें। हमें अपने जीवन को सरल और सुगम बनाना है।

    इसके पूर्व प्रधानाचार्य गोविन्द सिंह ने बिनु हरि कृपा मिले नहीं सन्ता का उल्लेख करते हुए अतिथियों का स्वागत किया। विशिष्ट अतिथि, प्रांत प्रचारक रमेश जी, कार्यक्रम अध्यक्ष हेमचंद जी क्षेत्र संगठन मंत्री प्रमुख, डाक्टर सौरभ मालवीय, श्री राम सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष विवेकानंद मिश्र, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी, गो सेवा संगठन के उपाध्यक्ष महेश शुक्ल आदि मौजूद है।