आयुष्मान कार्ड बनाने की मंद रफ्तार से परेशान लाभार्थी, योजना के 5 साल बाद भी नहीं बन सके 50 प्रतिशत कार्ड
आयुष्मान भारत योजना वर्ष 2018 में शुरू हुई थी। जिले में चिन्हित परिवारों की संख्या 259677 जबकि लाभार्थियों की संख्या 1113922 है। हर एक के आयुष्मान कार्ड बनाए जाने हैं लेकिन योजना को पांच वर्ष बीत गए और अब तक पचास प्रतशित को भी कार्ड नहीं दिए जा सके हैं। इस योजना से जुड़े जिम्मेदारों की मनमाना कार्यशैली से पात्र ही नहीं स्वास्थ्य महकमा भी परेशान है।

जागरण संवाददाता, बस्ती: रुधौली के ध्रुप को पत्नी की आंख का आपरेशन कराना था लेकिन आयुष्मान कार्ड नहीं बना था। पात्र होने के बाद भी वो इसके लिए दौड़ लगाती रही लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं था। जब पत्नी को आंख से दिखाई कम देने लगा तो वो घबरा गया और इधर उधर से इंतजाम कर आपरेशन कराने संतकबीर आई हास्पिटल पहुंच गया।
दंपती ने बताया कि वो आयुष्मान योजना के पात्र तो हैं लेकिन कार्ड नहीं है। अस्पताल प्रबंधन ने कोशिश करने के दो दिनों के अंदर कार्ड बनवा दिया। कार्ड के जरिए आपरेशन होने पर दंपती का एक रुपया खर्च नहीं हुआ और आंख की रोशनी भी लौट आई।
यही स्थिति नगर पंचायत गनेशपुर की सुमित्रा, भानमती, सलमा खातून और मनोज की है। जिले में आयुष्मान भारत योजना के 1113922 लाभार्थी हैं। इनमें से अब तक महज 385190 काे ही आयुष्मान कार्ड जारी किए जा सके हैं।
योजना शुरू होने के पांच साल बाद भी नहीं बन सके 50 प्रतिशत कार्ड
'आयुष्मान भारत योजना' वर्ष 2018 में शुरू हुई थी। जिले में चिन्हित परिवारों की संख्या 259677 जबकि लाभार्थियों की संख्या 1113922 है। हर एक के आयुष्मान कार्ड बनाए जाने हैं लेकिन योजना को पांच वर्ष बीत गए और अब तक पचास प्रतशित को भी कार्ड नहीं दिए जा सके हैं। इस योजना से जुड़े जिम्मेदारों की मनमाना कार्यशैली से पात्र ही नहीं स्वास्थ्य महकमा भी परेशान है।
पंचायतों सहायकों को आयुष्मान कार्ड बनाने की मिली है जिम्मेदारी
ग्राम पंचायतों में तैनात पंचायत सहायकों को आयुष्मान कार्ड बनाने की जिम्मेदारी मिली है। इसके बाद भी कार्ड बनाने में तेजी नहीं आ पा रही है। इतना ही नहीं कम मानदेय के कारण 200 से अधिक पंचायत सहायकों ने इस्तीफा दे दिया था। जिसके कारण संबंधित ग्राम पंचायतों में आयुष्मान कार्ड बनाने में तेजी नहीं आ पा रही है।
अस्पताल वाले करते हैं मनमानी
जिला अस्पताल, महिला अस्पताल के अलावा सीएचसी व 39 प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के लाभार्थियों को इलाज की सुविधा दी गई है। प्राइवेट अस्पताल भुगतान में देरी व बकाया होने के कारण इलाज में रुचि नहीं ले रहे जिससे पात्रों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। योजना के तहत पांच लाख का इलाज नि:शुल्क किया जाना है।
क्या है आयुष्मान कार्ड बनने के मानक?
- आवेदक की उम्र 18 वर्ष से अधिक होना चाहिए।
- सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना वर्ष 2011 में सूचीबद्ध परिवार
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत खाद्य पर्ची धारक
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