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    यूपी के हर जिले में ट्रांसजेंडरों के लिए बनेंगे गरिमा गृह, मिलेगा रोजगार; इस शहर में तैयारी शुरू

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 10:51 PM (IST)

    राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग स्वैच्छिक संस्थाओं के सहयोग से प्रदेश के सभी जिलों में नए गरिमा गृह की स्थापना करेगा। गोरखपुर के बाद अब बस्ती में भी इसकी तैयारी शुरू हो गई है। किन्नरों के लिए परिचय पत्र बनाए जाएंगे और रोजगार भी उपलब्ध कराए जाएंगे। बस्ती प्रदेश का पहला जिला है जहां किन्नरों के लिए पाठशाला चलाया जाता है।

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    राज्यपाल के साथ किन्नर कल्याण बोर्ड के सदस्य अजय कुमार पांडेय।

    ब्रजेश पांडेय, बस्ती। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के निर्देश पर ट्रांसजेंडरों के लिए अब समाज कल्याण विभाग स्वैच्छिक संस्थाओं की मदद से प्रदेश के सभी जिलों में नए गरिमा गृह की स्थापना कराएगा। गोरखपुर के बाद अब बस्ती में भी इसकी तैयारी शुरू हो गई है।

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    किन्नरों के लिए परिचय पत्र बनाए जाएंगे। रोजगार भी उपलब्ध कराए जाएंगे। समाज कल्याण विभाग की तरफ से शहर में किन्नर काजल के भवन में गरिमा गृह स्थापित करने के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। वैसे बस्ती प्रदेश का पहला जिला है, जहां किन्नरों के लिए पाठशाला चलाया जाता है।

    राज्यपाल सचिवालय उत्तर प्रदेश में पिछले 26 जून को कार्य वृत्ति तैयार की गई थी। अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डा. सुधीर एम बोबडे और विशेष सचिव राज्यपाल श्री प्रकाश गुप्ता की तरफ से जिलाधिकारी और उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड के प्रतिनिधि व इंदिरा चैरिटेबल ट्रस्ट सोसाइटी बस्ती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय कुमार पांडेय को यह कार्य योजना भेजी गई थी।

    सरकार का प्रयास किन्नरों को समाज के मुख्य धारा से जोड़ने का है। राज्यपाल ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया था कि चालू वित्तीय वर्ष 2025-2026 में समाज कल्याण विभाग द्वारा नए गरिमा गृह की स्थापना के लिए स्वैच्छिक संस्थाओं से प्रस्ताव प्राप्त कर केंद्र सरकार को प्रेषित करना है।

    जिले में निवास करने वाले किन्नर समुदाय के लोगों का ट्रासंजेंडर पोर्टल पर पंजीकरण कराते हुए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। पहचान पत्र बनाने के साथ पेट्रोल पंप, कालेज, विश्वविद्यालय, गैस एजेंसी एवं राेजगार परक संस्थाओं में दिसंबर 2025 तक कार्यवाही करने को कहा गया है।

    बता दें कि ट्रासंजेंडर और भीख मांगने वालों के लिए केंद्र सरकार की तरफ से वर्ष 2022 से स्माइल योजना संचालित हो रही है। पांच वर्ष के लिए 365 करोड़ रुपये का बजट की व्यवस्था की गई। इससे पहले वर्ष 2019 में प्रदेश सरकार की तरफ से ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है। तीन वर्ष तक के लिए इस बोर्ड को सिर्फ एक करोड़ 70 लाख का बजट स्वीकृत हुआ था। आगामी दिनों में बजट भी बढ़ाया जा सकता है।

    जिलाधिकारी ने किया ट्रांसजेंडर सुरक्षा प्रकोष्ठ का पुनर्गठन

    डीएम रवीश गुप्ता ने टांसजेंडर सुरक्षा प्रकोष्ठ का पुनर्गठन किया है।जिसमें जिला मजिस्ट्रेट बस्ती सहित सात सदस्य शामिल हैं।इसमें जिला मजिस्ट्रेट बस्ती अध्यक्ष, निरीक्षक कार्यालय पुलिस अधीक्षक बस्ती, मुख्य आरक्षी कार्यालय पुलिस अधीक्षक, काउंसलर डा. दिनेश कुमार विश्वकर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता श्याम नारायण शुक्ल, सानिया मोहम्मद खान ट्रांसजेंडर बतौर सदस्य शामिल किए गए हैं।

    उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड में जुडे़ हैं बस्ती के प्रतिनिधि

    उत्तर प्रदेश शासन समाज कल्याण अनुभाग दो के अपर मुख्य सचिव एल वैकटेश्वर लू ने उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया था। इस बोर्ड में बरेली के कमलेश, लखनऊ के यादवेन्द्र सिंह और शिवेन गुरेजा को सदस्य एवं इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी बस्ती के अजय कुमार पांडेय और सिटीनज डेवलपमेंट इन्टीच्यूट लखनऊ की शालिनी सिंह बतौर प्रतिनिधि शामिल हैं।

    अजय पांडेय बस्ती के कप्तानगंज में किन्नर पाठशाला चलाते हैं, जहां पिछले पांच अगस्त को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल व विभागीय मंत्री असीम अरुण ने किन्नर पाठशाला के डिजिटल बोर्ड का लोकार्पण किया था। इस मामले में अजय पांडेय ने कहा कि उन्होंने पाठशाला से जुड़े 80 किन्नरों का रजिस्ट्रेशन कराया है। जल्द ही उन्हें परिचय पत्र भी मिल जाएंगे।

    राज्यपाल के निर्देश के क्रम में ट्रांसजेंडर सुरक्षा प्रकोष्ठ का पुनर्गठन कर दिया है। गरिमा गृह के लिए समाज कल्याण विभाग की तरफ से शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। किन्नर समाज से बातचीत चल रही है, यदि वह रोजगार के लिए तैयार होते हैं तो उन्हें रोजगार दिलाया जाएगा।

    रवीश गुप्ता, जिलाधिकारी बस्ती

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